प्रयागराज को तीरथ का राज भी कहा जाता है। प्रयागराज प्राचीन काल से ही हिंदू का धार्मिक जगह रहा है। प्रयागराज में विश्व विख्यात धार्मिक मेले का आयोजन होता है। इसलिए यह पूरी दुनिया में बहुत लोकप्रिय है। लेकिन ज्यादातर लोग प्रयागराज को संगम स्नान और कुंभ मेले के लिए ही जानते हैं
लेकिन हम आपको इस शानदार आर्टिकल में प्रयागराज मे सभी घूमने वाले जगह के बारे में पूरी डिटेल्स के साथ बताएंगे। ताकि आप जब भी प्रयागराज पहुंचे तो संगम स्नान करने के बाद आप इन सभी ऐतिहासिक जगह पर भी घूम सके।
अब हम आपको इलाहाबाद मे घूमने की जगह के बारे में पूरी बेहतरीन जानकारी देने जा रहे हैं तो इसलिए दोस्तों आप लोग हमारे साथ इस आर्टिकल में पुरा अंत तक बने रहे। और इस आर्टिकल को अपने दोस्तों के साथ भी शेयर करे।
प्रयागराज के बारे में इतिहास
प्रयागराज (इलाहाबाद ) के बारे में रोचक जानकारियां जिसे आपको जानना जानना चाहिए प्रयागराज घुमने जाने से पहले –
प्रयागराज का पुराना नाम
वैसे तो प्रयागराज का पुराना नाम प्रयागराज ही है।। लेकिन लोग इसे तीरथ राज और संगम नगरी, तम्बू नगरी, कुम्भ नगरी के नाम से भी जाना जाता है।
लेकिन मुगल काल के दौरान बादशाह अकबर ने प्रयागराज का नाम बदलकर इलाहाबाद रख दिया था। तब से लेकर 2018 तक प्रयागराज का नाम इलाहाबाद रहा।
फिर से, उत्तर प्रदेश सरकार ने 2018 में इलाहाबाद का नाम बदलकर इसका प्रयागराज कर दिया।
इलाहाबाद, प्रयागराज तीर्थ स्थल
प्रयागराज तीर्थ स्थल को तीरथ राज भी कहा जाता है। यहां माघ महीने के विशाल मेले का आयोजन और और इलाहाबाद का सबसे प्रसिद्ध स्थान भी गंगा स्नान और त्रिवेणी संगम स्नान है। इसके अलावा काफी सारे मंदिर हैं जिन्हें तीर्थ स्थल के नाम से जाने जाते है। जहां पूरे देश से श्रद्धालु पहुंचते हैं।
प्रयागराज (इलाहाबाद) में घूमने की जगह
- त्रिवेणी संगम
- इलाहाबाद का कुंभ मेला
- माघ मेला
- त्रिवेणी संगम
- बड़े हनुमान जी का मंदिर
- अलोपी देवी मंदिर – Alopi Devi Temple
- लेटे हनुमान मन्दिर
- इलाहाबाद का किला – Allahabad Fort
- खुसरो बाग
- अशोक स्तंभ
- जवाहर तारामंडल
- इलाहाबाद पब्लिक लाइब्रेरी
- इलाहाबाद का आनंद भवन
- ऑल सेट्स कैथेड्रल
- विनायक सिटी सेंटर मॉल प्रयागराज
- अलफ्रेड पार्क
- मिंटो पार्क
- भारद्वाज पार्क
- सरस्वती घाट
- मनोकामेश्वर मंदिर – जाना ना भूले
इलाहाबाद रेलवे स्टेशन से जगह और दूरी
जगह | इलाहाबाद रेलवे स्टेशन से दूरी |
त्रिवेणी संगम (Triveni Sangam) | 8 Km |
इलाहाबाद संग्रहालय (Allahabad Museum) | 5 Km |
इलाहाबाद किला (Allahabad Fort) | 7 Km |
लेटे हनुमान मंदिर (Lete Hanuman Temple) | 7 Km |
आनन्द भवन (Anand Bhavan) | 4 Km |
जवाहर तारामंडल (Jawahar Planetarium) | 4 Km |
लार्ड मिन्टो पार्क (Lord Minto Park) | 5 Km |
अलोपी देवी मन्दिर (Alopi Devi Mandir) | 6 Km |
खुसरो बाग (Khusro Bagh) | 1Km |
अल्फ्रेड पार्क (Alfred Park) | 3 Km |
श्री मनकामेश्वर मंदिर (Shri Mankameshwar Mandir) | 6 Km |
श्री अखिलेश्वर महादेव (Shri Akhileshwar Mahadev) | 6 Km |
शिवकुटी (Shivakuti) | 6 Km |
ऑल सेट्स कैथेड्रल (All Saints Cathedral) | 1Km |
त्रिवेणी संगम
इलाहाबाद के नदी मे एक जगह ऐसा भी है। जहां पर तीन नदियां आपस में मिलती हैं। गंगा, यमुना, और सरस्वती, इसी स्थान को त्रिवेणी संगम कहा जाता है। त्रिवेणी संगम में स्नान कर लेने से सभी पाप कट जाते हैं इसीलिए लोग इलाहाबाद का फेमस त्रिवेणी संगम स्नान करने माघ माह में इलाहाबाद पहुंचते हैं।
लेटे हनुमान जी का मंदिर
बड़े हनुमान जी का मंदिर इलाहाबाद किले से 500 मी उत्तर दिशा में बना हुआ है। यह मंदिर पूरी दुनिया का इकलौता ऐसा मंदिर है जिस मंदिर में हनुमान जी लेटे हुए हैं।
मंदिर का एक हिस्सा नदी के पानी में हमेशा डूबा रहता है। जो लोग इलाहाबाद में घूमने जाते हैं। वह इस ऐतिहासिक मंदिर में दर्शन जरूर करते हैं। यहां श्रद्धालुओं की भीड़ पूरे साल बनी रहती है
अलोपी देवी मंदिर
अलोपी मंदिर इलाहाबाद के अलोपी बाग में स्थित है। यह मंदिर मां सती के सभी शक्तिपीठों में से एक ये है इस शक्तिपीठ में कोई भी मूर्ति नहीं हुआ है पौराणिक मान्यता यह है कि इस जगह पर मां सती के दाहिने हाथ का पञा गिरा हुआ था। इस जगह पर श्रद्धालुओं की भीड़ हमेशा बनी रहती है। आप भी इस मंदिर का एक बार विजिट जरूर करें।
इलाहाबाद का किला
इलाहाबाद का किला संगम के नजदीक यमुना नदी के किनारे बना हुआ है। यह किला अपने वस्तुकला और शानदार कारीगरी की वजह से बहुत मशहूर है।
सन् 1583 में यह इलाहाबाद का किला बन कर तैयार हुआ। इसका निर्माण मुगल शासक अकबर ने करवाया। इस किले को इलाहाबाद फोर्ट के नाम से भी जाना जाता है।
इस किले के आधे हिस्से मे भारतीय सेना रहती है। और आधे हिस्से को पर्यटकों के लिए खोला गया है। इसके लिए किले के अंदर तीन बहुत बड़े गलियारे हैं। और उसके ऊपर 3 बहुत ऊंचे टावर बने हुए हैं। जहा से भारतीय सेना निगरानी करती है।
इलाहाबाद किले मे पर्यटकों को देखने के लिए –
- पॉलिश किया पत्थर का अशोक स्तंभ – जिसकी उचाई 10.6 मीटर है। इसपर जहाँगीर के बहुत से फरमान भी अंकित है।
- यमुना नदी के पानी को रोकता हुआ किले का बाहरी दिवाल
- सरस्वती कूप
- पताल पुरी मदिर
- अमर बरगद का पेड़
किले मे बस इन्हे ही देखन कि अनुमति है। बाकि का हिस्सा इंडियन आर्मी के लिए रिजर्व रहता है।
खुसरो बाग़
खुसरो बाग़ मुगल काल के इतिहास से जुड़ा हुआ है। इस जगह पर जहाँगीर के बेटे खुसरो और सुल्ताना बेगम का मकबरा बना हुआ है। और इनके मक्बरे के बगल मे खुसरो कि बहन निधार का भी मकबरा बना हुअ है। इस मकबरे के आस पास सुंदर बगीचा लगा हुआ है।
और इसमे कुल 3 मकबरा भी बना हुआ है। खुसरो जब अपने पिता जहाँगीर के खिलाफ बिद्रोह किया। तब जहाँगीर ने खुसरो को इसी बाग़ मे नज़रबन्द किया था।
खुसरो बाग़ मे आपको मुगल काल के स्थापत्य कला का बेजोड़ नमूना देखने को मिलेगा। खुसरो बाग़ भी इलाहाबाद का मुख्य पर्यटक स्थल मे से एक है। इलाहबाद पहुंचने के बाद दोस्तों इस जगह पर भी जरूर पहुचे।
अशोक स्तम्भ
इलाहाबाद का अशोक स्तम्भ का निर्माण सम्राट अशोक ने करवाया। यह अशोक स्तम्भ इलाहाबाद का प्रयटन का केंद्र रहा है। जो लोग इलाहाबाद घूमने के लिए आते है वह सभी लोग इस अशोक स्तम्भ को जरूर देखने आते है। इसपर जहाँगीर के भी बहुत से फरमान अंकित है जिसको आप देख सकते है।
कुछ विद्वानों कि माने तो मुगल काल मे अकबर ने इसे इसके मूल जगह से उखाड़ कर इलाहाबाद के किले मे लगवाया।
जवाहर तारामंडल
दोस्तो जवाहर तारामंडल में आप को खगोल विज्ञान के बारे में बहुत सी महत्वपूर्ण जानकारियां मिलेगी। आप यहां पर बहुत से तारे, ग्रह, और उपग्रह के बारे मे जानेगे।
भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू का जन्म भी प्रयागराज में हुआ था। पंडित जवाहरलाल नेहरू के जन्मदिन के विशेष मौके पर सन 1979 मे इसे बनाया गया। इसको जवाहर प्लेटेरियम के नाम से भी जाना जाता है।
जवाहर तारामंडल को आनंद भवन के पास मे बनाया गया है। आनंद भवन जवाहर लाल नेहरू का पैतृक निवास रहा है। इसलिए इसको अब पुरी तरह से संग्रहालय मे बदल दिया गया है।
इलाहाबाद का आनंद भवन
आनंद भवन कभी नेहरू परिवार का हुआ करता था लेकिन यह अब इलाहाबाद शहर का संग्रहालय है। इसका निर्माण 1930 में मोतीलाल नेहरू ने करवाया।
इसे स्वराज भवन के नाम से भी जाना जाता है। और इसी महल में भारत की प्रथम महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का जन्म हुआ था।
इलाहाबाद का फेमस पब्लिक लाइब्रेरी
इस लाइब्रेरी बिल्डिंग का उपयोग ब्रिटिश के समय बिधान सभा के रूप मे भी यूज होता था। उस समय इलाहाबाद सयुक्त् राज्य की राजधानी भी हुआ करती थी।
लाइब्रेरी बिल्डिंग 1864 मे बना यह उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा लाइब्रेरी है। जहा पर आप को बहुत से दुर्लभ किताब भी पढ़ने के लिए मिल जाएगी।
इस लाइब्रेरी मे 125000 किताब मौजूद है। आप जब इसके अंदर प्रवेश करेंगे तब यह आप को पुरी तरह से अचंभित कर देगा इसकी उची उची दीवाल और उसपे हुइ अनोखि कारीगरी आप को इसकी प्रसंशा करने के लिए मजबूर कर देगा
आप जब भी इलाहाबाद मे पहुचे तब इस लइब्रेरी मे जरूर जाये। आप को इस लइब्रेरी मे बहुत से UPSC की तैयारी करने वाले छात्र यहा किताब पढ़ते मिल जाएंगे। और यह जगह स्टूडेंट के बीच मे भी बहुत लोकप्रिय है।
इलाहाबाद अपने शिक्षा के लिए भी जाना जाता है। यहां पर लोग यूपीएससी की तैयारी करने के लिए भी जाते है।
विनायक सिटी सेंटर माल, इलाहबाद
विनायक सिटी सेंटर मॉल इलाहाबाद मे है यह माल बहुत ही खूबसूरत है। यहां पर वर्ल्ड क्लास की सभी प्रोडक्ट आप खरीद सकते हैं और इसमें मल्टीप्लेक्स की भी सुविधा उपलब्ध है। जहा नये नये मूवी भी लगती रहती है।
इसमे आप को बहुत से रेस्टोरेंट भी मिल जाएंगे जहा पर आप इलाहाबाद के स्वादिस्ट व्यंजन खा सकते है। इलाहाबाद घूमने के महत्वपूर्ण जगहों मे इसका भी नाम आता है। तो आप इस जगह पर भी जरूर जाये।
आल सेट्स कैथ्रेडल
आल सेट्स कैथ्रेडल एक चर्च है अगर इलाहाबाद के इस चर्च में जाना चाहते हैं तो जा सकते हैं। यह बहुत प्राचीन कैथोलिक चर्च है। इसे 1887 में पवित्र किया गया ।
इस प्राचीन चर्च में एक साथ 600 लोग बैठ सकते हैं। यह चर्च 1970 से चर्च ऑफ नार्थ इंडिया का हिस्सा है। आल सेट्स कैथ्रेडल चर्च को, पत्थर के चर्च नाम से भी जाना जाता है। इस चर्च के संस्थापक विलियम मूइर और एलिजाबेथ हटली वोमिस थे।
अलफ्रेड पार्क (चंद्रशेखर आज़ाद पार्क)
इलाहाबाद का अल्फ्रेड पार्क भारत की स्वतंत्रता आंदोलन से भी जुड़ा हुआ है। इसी अलफ्रेड पार्क मे चंद्रशेखर आजाद ने खुद को गोली मारा था। इसे चंद्रशेखर आजाद पार्क के नाम से भी जाना जाता है।
इस पार्क मे उस समय मे हुए अजाद के उपर आत्मघाती हमले का भी निसान देखा जा सकता है।
इस पार्क मे पर्यटकों की भीड़ हमेशा बनी रहती है और इलाहाबाद घूमने आए हुए सभी लोग इस जगह पर जरूर पहुंचते हैं।
मिंटो पार्क
यह जगह भी इलाहाबाद का प्रमुख प्रयटक स्थल मे से एक है जो हमेशा ही हरा भरा पार्क रहता है अगर आप इस पार्क में जाते हैं तो आपको शुकुन का छन देगा वो शहर में घूमते हुए। इस पार्क का नाम बदल कर अब के पंडित मदन मोहन मालवीय कर दिया गया है।
मिंटो पार्क को लार्ड मिंटो ने 1910 मे बनवाया था। 1958 मे लार्ड कैनिंग ने यही से ही महारानी विक्टोरिया का लोकप्रिय घोसणा पत्र पढ़ा था। और इसी पत्र के जरिये भारत का सत्ता का बदलाव हुआ था। इस्ट इंडिया कम्पनी के जरिये सत्ता ब्रिटिश महारानी के अधीन हुआ था।
मनोकामेश्वर मंदिर – जाना ना भूले
आप जब प्रयागराज पहुंचे तो इस मंदिर में जाना ना भूले। यह मनोकामेश्वर मंदिर भगवान शिव को समर्पित मंदिर है, ये मंदिर यमुना नदी के किनारे और अकबर के किले के बिल्कुल नजदीक में है। ऐसा मान्यता है इस मंदिर में दर्शन करने से मनोकामना पूर्ण होती हैं।
सरस्वती घाट
सरस्वती घाट जो इलाहाबाद का सबसे शानदार घाटों में से एक है। सरस्वती घाट की सीढ़ियां तीन तरफ से यमुना जी मे उतरती है जो अपने आप में अद्भुत है और इस घाट से आप नाव से यात्रा का मजा लेते हुए संगम तक भी पहुंच सकते हैं। वैसे ये यह घाट मनोकामेश्वर मंदिर के पास है।
इस घाट पर शाम के समय दीप जलने और आरती में शामिल होने लोग आते हैं जो देखने में बहुत ही अच्छा लगता है।
भारद्वाज पार्क
भारद्वाज पार्क को भारद्वाज गार्डन के नाम से भी जाना जाता है और इस पार्क में ऋषि भारद्वाज की अनेकों पेंटिंग आपको देखने के लिए मिल जायेगा।
इस पार्क में आर्टिफिशियल झरना भी लगा हुआ है जो देखने में बहुत ही मनमोहक लगता है और शाम के समय में इस पार्क की लाइटिंग बहुत ही गजब देखने में लगता है। भारद्वाज पार्क में प्रति व्यक्ति टिकट ₹10 का है।
इलाहाबाद में खाने के लिए क्या-क्या फेमस है
इलाहाबाद खाने के लिए भी बहुत मशहूर है। इलाहाबाद में आपको कई जगह दही जलेबी खाते हुए लोग भी दिख जाएंगे। और इलाहाबाद के लोग मालपुआ को भी बहुत पसंद करते हैं। और आपको कई मिठाई की दुकानों में मालपुआ और गुलगुला बिकते हुए दिख जाएगा।
इलाहाबाद का अमरुद भी पूरी दुनिया में फेमस है जो साइज में बड़ा और अंदर से लाल होता है।
इसके अलावा इलाहाबाद में कचौड़ी और सब्जी का भी बहुत क्रेज है। और यहां के लोग चाट और टिक्की के भी दीवाने हैं। अब जब भी इलाहाबाद पहुंचे तो बताए गए इन सभी चीजों का स्वाद जरूर ले जो सिर्फ और सिर्फ इलाहाबाद में ही मिलेगा
- नेतराम मूलचंद एंड संस में कचौरी और सब्जी
- लस्सी और राजा राम लस्सी व गाढ़े, मलाईदार, स्वादिष्ट ताज़े दही से बनी
- हीरा हलवाई में गुलाब जामुन
- स्ट्रीट कॉर्नर पर मसाला चुरमुरा
- छोले समोसे
प्रयागराज में रुकने की जगह
प्रयागराज में रुकने के लिए बहुत से व्यवस्था उपलब्ध है। अगर आप माघ मेले के दौरान इलाहाबाद जाते हैं तो आपको नदी के किनारे हजारों टेंट के बने हुए होटल और धर्मशाला मिल जाएगा।
लेकिन अगर आप माघ मेले के बाद में इलाहाबाद जाते हैं। तो आप रुकने के लिए होटल और धर्मशाला में रूम बुक कर सकते हैं।
इलाहाबाद में आपको सस्ती और महगी दोनों तरह की होटल और धर्मशाला मौजूद है। जहां आप अपने बजट के अनुसार रूम बुक कर सकते हैं।
प्रयागराज में घूमने के लिए अच्छा समय कौन सा है
प्रयागराज घूमने के लिए सबसे अच्छा समय सर्दियों का है क्योंकि इसी समय इलाहाबाद का फेमस माघ मेले का आयोजन होता है अगर आप इस समय इलाहाबाद घूमने जाते हैं तो यह समय घूमने के लिए सबसे उपयुक्त समय है।
इलाहाबाद में गर्मी भी ज्यादा पड़ती है और बारिश के समय में बारिश भी ज्यादा होता है। इसलिए जब आप इलाहाबाद घूमने के लिए जाएं तो सर्दियों का महीने एक अच्छा समय होता है
प्रयागराज कैसे पहुंचे
प्रयागराज सड़क ट्रेन और हवाई मार्ग से जुड़ा है। आप अपने शहर से इलाहाबाद तक इन तीनो ही रास्ते से आ सकते हैं। यह आपके ऊपर निर्भर करता है कि आप प्रयागराज कैसे पहुंचाना चाहते हैं।
सड़क मार्ग से प्रयागराज कैसे जाएं ?
प्रयागराज राष्ट्रीय राजमार्ग और राज्य राजमार्ग से सीधे तौर पर जुड़ा हुआ है क्योंकि यह हिंदुओं का प्रमुख धार्मिक स्थान है।
अगर आप दिल्ली की तरफ से प्रयागराज आ रहे हैं तो आप NH 2 के जरिये प्रयागराज पहुंच सकते है। अगर आप माध्य प्रदेश के तरफ से आ रहे है तो आप NH 27 के जरिये आ सकते है।
और अगर आप हरियाणा , राजस्थान और उत्तर प्रदेश से प्रयागराज आना चाहते है तो आप NH 76 के जरिये पहुंच सकते है। वही अगर आप अयोध्या धाम , से प्रयागराज आना चाहते है तो आप NH 96 के जरिया आ सकते है।
प्रयागराज मे 3 बड़े अंतरराज्य बस स्टैंड भी बना हुआ है। जहां से आप कई शहरों से सीधे बस पकड़ के प्रयागराज तक पहुंच सकते हैं।
ट्रेन से प्रयागराज कैसे पहुचे?
प्रयागराज रेलवे स्टेशन उत्तर मध्य रेलवे स्टेशन का मुख्यालय भी है। प्रयागराज में कुल आठ रेलवे स्टेशन हैं। जहां भारत के सभी बड़े शहरों से ट्रेन प्रयागराज के लिए मौजूद है। आप अपने नजदीकी शहर से प्रयागराज के लिए ट्रेन पकड़ सकते हैं।
प्रयागराज (इलाहाबाद) जंक्शन
प्रयागराज जंक्शन रेलवे स्टेशन का नाम कुछ साल पहले इलाहाबाद जंक्शन था यह उत्तर मध्य रेलवे का मुख्यालय है। और यहां से सभी बड़े शहरों के लिए ट्रेन मौजूद है। और आप भारत के किसी भी बड़े शहर से प्रयागराज जंक्शन के लिए ट्रेन भी पकड़ सकते हैं
प्रयागराज कैसे घूमे ?
प्रयागराज घूमने के लिए अभी के समय में सबसे अच्छा साधन टुकटुक चल गया है जो पूरे दिन के लिए लगभग ₹800 लेता है। और आपको पूरा प्रयागराज का दर्शन कराएगा। इसके अतिरिक्त आप ऑटो और कैब भी बुक कर सकते हैं।
प्रयागराज घूमने में खर्च ?
प्रयागराज घूमने के लिए प्रति व्यक्ति लगभग ₹10,000 लगेंगे आप इन पैसों में अच्छे से प्रयागराज घूम लेंगे। इलाहाबाद घूमने के लिए आपके पास इतने पैसे होना उपयुक्त है।
प्रयागराज घूमते हैं तो अपने साथ क्या रखें ?
यह सवाल अधिकांश पर्यटकों का होता है कि प्रयागराज घूमने जाए तो अपने साथ क्या रखें। इसका जवाब सीधे-सीधे यह है की आप जब भी कहीं घूमने के लिए जाए तो अपने साथ हल्के सामान रखें। जब आप अपने साथ ज्यादा सामान लेकर कहीं भी घूमने जाते हैं। तो वह सामान आपको परेशान करते हैं।
लेकिन प्रयागराज घूमने के लिए आप जब भी जाए तो अपने साथ उन्ही सामानों को लेकर जाएं। जिसकी जरूरत आपको हो। जैसे दवाइयां, कपड़े, खाने के कुछ घरेलू सामान इत्यादि।
प्रयागराज में सबसे मशहूर चीज क्या है
प्रयागराज में सबसे मशहूर माघ का मेला है जिसको दर्शन करने के लिए भारत सहित पूरे विश्व भर के लोग उपस्थित होते हैं। और प्रयागराज में कुंभ मेले के अलावा भी बहुत सी मशहूर चीज हैं। जैसे, लेटे हनुमान जी का मंदिर, अकबर का किला, इलाहाबाद विश्वविद्यालय, इलाहाबाद आनंद भवन, जैसे सभी जगह पर्यटकों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।
Conclusion
इस आर्टिकल में इलाहाबाद में घूमने वाले सभी जगह के साथ-साथ प्रयागराज के बारे में भी बहुत सी जानकारियां जाने हैं हमें उम्मीद है कि यह बेहतरीन आर्टिकल आपको बहुत अच्छा लगा होगा
इलाहाबाद घूमने के लिए यह आर्टिकल आपकी बहुत मदद करेगा कम से कम अब आपको इतनी तो जानकारी हो ही गई है कि संगम स्नान करने के बाद इलाहाबाद में और कहां-कहां घूमे।
आप इस आर्टिकल को GhumoGhoomao.com पर पढ़ रहे हैं। हमने अपनी वेबसाइट में इसी तरह के आसान भाषा के माध्यम से और भी घूमने वाली जगह के बारे में सुंदर जानकारियां लिखी हुई है। आप उन जगहों के बारे में भी जरूर पढ़ें। और इस आर्टिकल को हमारे साथ पूरा अंत तक पढ़ने के लिए आपका, बहुत-बहुत धन्यवाद।
FAQ
Prayagraj me kya kya famous hai ?
प्रयागराज में कुंभ मेला, संगम स्नान, गंगा स्नान, अकबर का किला, अशोक चिन्ह, लेटे हुए बजरंगबली का मंदिर इत्यादि फेमस है। प्रयागराज में सभी फेमस जगह के बारे में हमने, ऊपर में पूरी जानकारी लिखी हुई है।
Prayagraj me kitne Railway station hai ?
प्रयागराज शहर के अंदर चार रेलवे स्टेशन है। जिनमें से सबसे मुख्य रेलवे स्टेशन प्रयागराज जंक्शन है।
Prayagraj me ghumne wali jagah
प्रयागराज में घूमने वाली सभी महत्वपूर्ण जगह के बारे में हमने इस वेबसाइट में पूरे विस्तार से बता दिया है। जिसको कुछ शब्दों में बता पाना बहुत मुश्किल है। इसलिए आप इस आर्टिकल को पूरा अंत तक जरूर पढ़ें।
इलाहाबाद में घूमने की जगह कौन-कौन सी है
इलाहाबाद में घूमने की जगह – इलाहाबाद का किला, इलाहाबाद संग्रहालय, जवाहर तारामंडल, यमुना सेतु, खुसरो बाग़, कुंभ मेला और संगम, आनंद भवन
इलाहाबाद में जाने के लिए सबसे अच्छा समय कौन सा है?
इलाहाबाद जाने के लिए सबसे अच्छा समय नवंबर से मार्च तक का है। अगर आप 15 जनवरी के बाद से इलाहाबाद जाते हैं। तो आप संगम स्नान में भी हिस्सा ले सकते हैं। जो भारत का सबसे महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है।
इलाहाबाद में फेमस पार्क
इलाहाबाद में वैसे तो बहुत से पार्क है लेकिन उनमें से कुछ महत्वपूर्ण पार्क के बारे मे हम आप को बताएंगे, आप इन पार्कों में जरुर विजिट करें।
- आजाद पार्क
- भारद्वाज पार्क
- मिंटो पार्क
इलाहाबाद कौन सी जगह पर हैं ?
इलाहाबाद उत्तर प्रदेश राज्य का एक जिला है।
इलाहाबाद में सबसे फेमस क्या है ?
इलाहाबाद में सबसे फेमस कुंभ मेला गंगा स्नान त्रिवेणी संगम स्नान आदि बहुत फेमस है लेकिन शिक्षा की क्षेत्र में भी इलाहाबाद पुराने समय से लेकर अब तक बहुत फेमस रहा है।
प्रयागराज के आस पास घूमने की जगह
- Varanasi (150 KM)
- Khajuraho (300 KM)
- Lucknow (200 KM)
- Agra (500 KM)
- Mirzapur (Vindhyachal) (100 KM)
- Chitrakoot (150 KM)
- Orchha (500 KM)
- Bodhgaya (450 KM)
- Sasaram (250 KM)
Hi, मैं पूजा हूँ और मुझे घूमना और घूमने बारे में जानकारी देना बहुत पसंद है मैंने कई जगहों की यात्रा की है आप मेरे इस GhumoGhoomao.com से सफर पर जाने से पहले जानेंगे कि कहाँ घूमें, यात्रो को मजेदार कैसे बनाएं, सस्ते-अच्छे-होटल की जानकारी। उम्मीद है की मेरे द्वारा दिया जानकारी आपके यात्रा आसान बनाएगा!