बनारस में घूमने की जगह – क्या बनारस में प्रसिद्ध है – जानिये घूमने का समय और खर्चा

बनारस जिसको वाराणसी और काशी के नाम से भी जाना जाता है। इस जगह को हिन्दु धर्म के सबसे प्राचीन धार्मिक स्थल मे से एक है बनारस। बनारस के बारे में मान्यता यह भी है कि बनारस को महादेव अपने त्रिशूल पर वसाये हुए है।

आप इस में बनारस मे घूमने वाले जगह के बारे मे पुरा Details के साथ जानेगे। आप हमारे साथ इस आर्टिकल मे पुरा अंत तक बने रहे और वाराणसी के सभी फेमस जगह घुमने के बारे मे जाने।

बनारस में घूमने की जगह – Banaras Mai Ghumne Ka Jagah

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vanaras kashi me ghumne ki jagah

वैसे तो बनारस मे घूमने के लिए बहुत जगह है लेकिन बनारस में इन जगहों पर घूमना मत भूलना जो बड़े ही फेमस हैं जहा घूमने के लिए देश से हीं नही बल्कि पूरे विश्व भर से लोग आते रहते हैं।

मणिकर्णिका घाट

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manikarnika ka ghat varanasi

मणिकर्णिका घाट को महासमशान के नाम से भी जाना जाता है। क्यों की यहा चिता लगतार जलती रहती है। यहा जलने वाली चिता कभी बुझती नही है। यहाँ कि पौराणिक मान्यता यह है कि यहाँ मृत्यु को शुभ माना जाता है। और इसका प्रशंशा देवता भी कर चुके हैं।  

दशाश्वमेध घाट

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dashashwamedh ghat aarti

उत्तर प्रदेश के वाराणसी दशाश्वमेध घाट को बनारस के सभी घाटों में सबसे श्रेस्ट घाट माना जाता है जो गंगा नदी पर बना एक प्रमुख घाट है। पुराणों में इसका रुद्रसर घाट (काशीखण्ड) के नाम से उल्लेख मिलता है और ऐसा मानना है कि ब्रम्हा जी ने जब यहा अश्वामेघ यज्ञ किया था। तब से इस घाट को दशा सुमेध घाट के नाम से जाना जाता है।

दशाश्वमेध घाट से जुड़ी दो बातो का जिक्र मिलता है एक तो ब्रह्मा जी ने इसे शिव के स्वागत के लिए इस घाट को बनाया था। दूसरी की ब्रह्मा जी ने यहाँ पर दस अश्वमेध यज्ञ कये थे

भारत माता मंदिर

यह मंदिर महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के प्रांगण में बना हुआ है। इस मंदिर में किसी भी देवी देवता का मूर्ति नहीं है। इस मंदिर में सफ़ेद संगमरमर पर अखंड भारत का विशाल नक्शा उकेरा गया है। इसका उद्धघाटन 1936 मे गांधी जी ने किया था।

काशी विश्वनाथ मंदिर

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Kashi Vishwanath

काशी विश्वनाथ मंदिर को लोग विश्वेश्वर मंदिर के नाम से भी जानते है। यह मन्दिर भगवान शिव को समर्पित है। जो भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंग मे से 1 है। ऐसा माना जाता है कि बाबा विश्वनाथ अपने भक्तो के सभी कस्ट को हर लेते है और सभी मनोकामना पुरा करते है।

तुलसी मानस मंदिर

तुलसी मानस मंदिर बनारस का सबसे आधुनिक और Advance मंदिर है। इस मंदिर मे राम चरित मानस की पुरी चौपाई लिखी हुई है। इस मंदिर को कोलकता के Business Man रतन लाल सुरेका, ने 1964 मे बनवाया था।

अस्सी घाट

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Assi Ghat

अस्सी घाट बनारस के सभी घाटो में सबसे दक्षिण में है। इस घाट कि पौराणिक मान्यता यह है की देवी दुर्गा ने शुंभ और निशुम्भ का वध करने के बाद, अस्सी घाट से अपना तलवार नदी में डाल दिया था। उस नदी को अस्सी नदी कहा जाता था। इस घाट पर रोज शाम के समय आरती होती है।

संकट मोचन मंदिर

संकट मोचन हनुमान जी को समर्पित यह मंदिर है और ऐसा मानते हैं कि इसी मंदिर में हनुमान जी ने गोस्वामी तुलसी दास जी को दर्शन दिये थे। इस मंदिर में लोगों की सभी मनोकामना पुरी हो जाते हैं।

मान्यता यह है की इस दिव्य मंदिर कि मूर्तियों का स्थापना तुलसी दास जी ने अपने हाथो से 1608 – 1611 के बीच किया था।

राम नगर का किला

इस किले का निर्माण 18वी शताब्दी मे महाराजा बलवंत सिंह ने करवाया था। यह किला बुद्धिमान लोगो के लिए बनवाया गया है। मान्यता यह है की महाभारत के समय महाभारत काव्य के लेखक महर्षि वेद व्यास ने राम नगर मे ही रुके हुए थे। और ध्यान मुद्रा से महाभात की घटना देखा करते थे और महाकाव्य लिखते थे।

इस किले मे संग्रहालय और Restorent भी है। जहां पर आप बनारस के फेमस पकवान खा सकते हैं।

काल भैरव मंदिर वाराणसी

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Kaal bhairav Varanasi

यह मंदिर बनारस का सबसे पुराना शिव मंदिर है। इस मंदिर में भगवान शिव के उग्र स्वरुप काल भैरव की पूजा होती है। इसी स्वरूप को धारण कर के भगवान शिव, राक्षस का वध करते है। यह काल भैरव मंदिर वाराणसी शहर मे है।

बाबा विश्वनाथ का दर्शन करने के बाद काल भैरव का दर्शन करने से है शुभ फल मिलता है। और बाबा विश्वनाथ का दर्शन पुरा होता है। 

ऐसा कहा जाता है इस मंदिर मे दर्शन कर लेने से मृत्यु के डर से मुक्ति मिलती है। काल भैरव मंदिर का Timing – सभी दिन सुबह के 4 बजे से दोपहर के 1 बजे तक आप दर्शन कर सकते है। उसके बाद शाम 4 बजे से रात 10 बजे तक आप दर्शन कर सकते है।

बनारस कहा है ?

यह उत्तर प्रदेश राज्य का एक जिला है जो गंगा नदी के किनारे बसा हुआ है। यह बनारस जिसे काशी और वाराणसी भी कहा जाता है। हिन्दू और बौद्ध धर्मो का धार्मिक तीर्थस्थल है बनारस। जिसको घूमने के लिए देश हि नही पूरे विश्व के लोग आते है।

और पौराणिक मान्यता यह है की यह शहर 5000 साल पुराना है। और वैज्ञानिक इसको 3000 साल पुराना शहर मानते है।

आप बनारस मे बहुत से विदेशियों को घूमते और गंगा स्न्नान करते देख सकते है। और भारत के सभी राज्यों के लोगो को आप बनारस मे देख सकते है।

बनारस स्टेशन ?

बनारस रेलवे स्टेशन भारत के सभी रेलवे स्टेशन से जुड़ा हुआ है। बनारस में 2 रेलवे स्टेशन है। एक है वाराणसी रेलवे स्टेशन। और दूसरा है, पंडित मदन मोहन मालवीय रेलवे स्टेशन। इसके आलावा भी पूरे बनारस मे 16 अन्य रेलवे स्टेशन भी है।

वाराणसी जक्सन उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा रेलवे जक्सन है। जहा से पूरे भारत के लिए ट्रेन उपलब्ध है। धर्मिक स्थल होने के वजह से इस रेलवे स्टेशन पर आप  दक्षिण भारत के 4 राज्यों के भाषा मे भी आप रेल सूचना घोसणा सुन सकते है।

बनारस की मशहूर चीज क्या है : –

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banaras ki mashur cheeje

बनारस मे घूमने के लिए सबसे मशहूर बाबा काशी विश्वनाथ का मंदिर, अपने सुंदर घाट और खाने पीने, पहनने के लिए बनारसी पान, बनारसी साड़ी के लिए पुरी दुनिया मे मशहूर है। और इसके साथ साथ बनारस की सुबह भी पुरी दुनिया में माशहूर है।

बनारस के शहर और गलियों के लिए भी बहुत फेमस है। विदेशी भी बनारस को उतना हि पसंद करते है जितना हम भारतीय इस ऐतिहासिक शहर को पसंद करते है।

बनारसी लहंगा

बनारसी लहंगा दुल्हनो के बीच लोकप्रिय है। इसकी कड़ाई बहुत बारीकी से किया गया होता है। और इसके अतरंगी रंग किसी भी लहंगो मे चार चांद लगा देते है। इसको बनाने मे कारीगर को बहुत अधिक समय भी लगता है। तब जाके बनारसी लहंगा तैयार होता है।

बनारसी सिल्क साड़ी

बनारसी साड़ी की कढ़ाई बहुत बारीकी से किया जाता है। इसकी कढ़ाई सिल्क की मिलायम धागो से किया जाता है। बनारस की सिल्क साड़ी औरतों मे बहुत लोकप्रिय है और इसको शुभ कार्यो या विवाह के मौके पर पहनती है।

बनारसी साड़ी चमकदार और मजबूत होता है। इसके साड़ीओ पर बट्टा, बैल, फूलो के मोती, के डिजाइन बने होते है। बनारसी सिल्क के साड़ी की पहचान के लिए कोने से सिल्क के एक धागे को निकाल के किया जा सकता है।

बनारसी सुट

बनारसी सुट भी बहुत फेमस है। यह बहुत प्रीमियर क़्वालिटी होता है। बनारसी सुट आप को फेब्र्रिक ,काटन वर्क, जरी, इत्यादि क़्वालिटी मे उपलब्ध होता है। और इसको आप ऑनलाइन भी खरीद सकते है। लेकिन इन कपड़ो का प्राइस बहुत अधिक होता है।

बनारस के आस पास घूमने की जगह

banaras ke aas paas ghumne ka jagah
banaras ke aas paas ghumne ka jagah

बनारस घूमने के बाद इन बेहतरीन जगह पर जरूर जाएं। बनारस के आस पास घूमने के बहुत से जगह मौजूद है। हम आपको बताने जा रहे हैं जहां के बारे में यह सभी जगह बनारस से 100 किलोमीटर के अंदर है। आप को हम उन जगह के बारे में बताने जा रहे हैं। जो इस तरह से हैं।

सारनाथ

सारनाथ बौद्ध धर्म का तीर्थ स्थल है। जिसकी दूरी बनारस से 12 किलोमीटर की है। बनारस से यहां पहुंचने के लिए बहुत सारे ऑटो टैक्सी मौजूद है। इसी स्थान पर महात्मा गौतम बुद्ध ने अपना पहला उपदेश दिया था। सारनाथ में जब आप घूमने जाएंगे तो आप अशोक अस्तम्भ, चौखंडी स्तूप, तिब्बती मंदिर, धमेक स्तूप, मठ, और थाई, मंदिर भी आप यहां देखें।

सारनाथ में पुरातत्व विभाग का एक संग्रहालय भी है। जहां आप इतिहास से जुड़ी अनेकों चीज, आप देख सकेंगे। इसलिए बनारस घूमने के बाद आप इस जगह का विजिट जरूर करें।

लखनिया दरी

बनारस से इसकी दूरी 50 किलोमीटर की है और यह जगह मिर्जापुर जिले में मौजूद है। लखनिया दरी एक झरना है। जो 100 मीटर की ऊंचाई से नीचे गिरता है। और इसके चारों तरफ हरे-भरे ऊंचे ऊंचे पेड़ मौजूद है। यह जगह  पिकनिक मनाने के लिए भी मशहूर है। लोग यहां अपनी छुट्टियां बिताने के लिए आते हैं।

लेकिन इस जगह बरसात के समय में जाने की मिर्जापुर जिला प्रशासन की तरफ से मनाही होती है

चुनार का किला

अगर आप सोच रहे हैं चुनार का किला धूमने का तो यह वाराणसी से 45 किलोमीटर की दूरी पर है। इस किले को मुगल बादशाह बाबर ने 16वीं शताब्दी में बनवाया था। यह किला अपने अंदर समृद्ध इतिहास को समेटे हुए हैं। और इसके लिए के ऊपर से चारों तरफ देखने में बेहतरीन नजारा दिखता है। और लोग इस किले को घूमने पूरे साल आते रहते है।

मुक्खा फाल

वाराणसी से 95 किलोमीटर दूर है मुक्खा फाल। और यह जगह सोनभद्र जिले में मौजूद है। इस जगह पर बेलन नदी उभड खाबड रास्तों से होकर बहती है। और 50 फिट की ऊंचाई से नीचे जमीन की तरफ गिरती है। इस जगह का वातावरण बिल्कुल स्वच्छ और शांत है। इस जगह लोग अपनी छुट्टियां मनाने आते हैं।

इसको पिकनिक स्पॉट के तौर पर भी जाना जाता है।

विंध्याचल

विंध्याचल से वाराणसी 60 किलोमीटर दूर है और यह जगह मां विंध्यवासिनी के मंदिर के लिए मशहूर है। मां विंध्यवासिनी का मंदिर माता दुर्गा को समर्पित है। आपको विंध्याचल में हरे भरे पहाड़ी देखने को मिलेगी। यह जगह आध्यात्मिक रूप से बेहद समृद्धि है।

इसीलिए इस मंदिर में पूरे साल मां विंध्यवासिनी के भक्त आते रहते हैं। और इस मंदिर में जो भी मन्नत मांगते हैं वह सभी मन्नतें मां विंध्यवासिनी पूरी करती हैं।

जौनपुर शेरशाह सूरी का किला

वाराणसी से जौनपुर की दूरी 70 किलोमीटर की है। जौनपुर का इतिहास है। इस जगह पर भारत के सम्राट शेरशाह सूरी ने एक किला बनवाया हुआ है। यह जगह पुराने समय में शिक्षा और संस्कृति का केंद्र भी रहा है।

आप इस जगह पहुंच के शेरशाह सूरी का किला देख सकते है जो अब भी बहुत अच्छी कंडीशन में है।

कौशांबी

बनारस से कौशांबी जाने में 95 किलोमीटर की दूरी है जो कभी कौशांबी राज्य का राजधानी भी हुआ करती थी। आप इतिहास की किताबों में कौशांबी के बारे में जरूर पड़ा होगा।

कौशांबी में बहुत से लोकप्रिय पर्यटक स्थल भी मौजूद है। जहा आप, बौद्ध मठ, कौशांबी संग्रहालय, कौशांबी मंदिर आदि देखेंगे।

बनारस घूमने का अच्छा समय कब है

बनारस घूमने का सबसे उपयुक्त महीना सितम्बर से मार्च तक का है। बनारस में गर्मी भी बहुत अधिक पड़ती है और बारिश के समय में बनारस शहर के भीतर पानी का जमाव भी हो जाता है। इसलिए इस समय पर जाने से आपको मुश्किलों का भी सामना उठाना पड़ सकता है।

Note

आप बनारस घूमने जब भी जाएं तब अपने सामान को लेकर सतर्क भी रहे। क्योंकि यह जगह चोरों के लिए भी बहुत लोकप्रिय है।

बनारस के आस पास घूमने की जगह

Conclusion

आप इस आर्टिकल में बनारस में घूमने की जगह के बारे मे जाना हमे उम्मीद है। की यह बेहतरीन जानकारी आप को बहुत अच्छी लगी होगी। हमने आपको बनारस में घूमने की सभी जगह के बारे में पूरा Details के साथ जानकारी दी है।

आप इस आर्टिकल को GhumoGhOOmao.com पर पढ़ रहे है। और हमने आपने वेबसाइट मे आप के लिए और भी जगहों के बारे मे इसी तरह की जानकारी भारी लेख लिखे हुए है। आप उन लेखो को भी जरूर पढ़े।

FAQ

वाराणसी कहां है ?

वाराणसी जिसे बनारस और काशी के नाम से भी जाना जाता है यह उत्तर प्रदेश राज्य का एक ऐतिहासिक जिला है।

बनारस में घूमने की कौन-कौन सी जगह है ?

बनारस पूरा शहर ही घूमने के लिए जाना जाता है। यहां काशी विश्वनाथ मंदिर, और 84 घाट, घूमने के लिए सबसे उत्तम माना जाता है। बनारस शहर को गलियों का शहर भी कहा जाता है। और आप उन गलियों में भटक भी सकते हैं। 

बनारस का सबसे फेमस क्या है?

बनारस शहर ही फेमस है। बनारसी पान, बनारसी culture, बनारस की सुबह, बनारस की सीढ़ियां, बनारस की गलियां, बाबा विश्वनाथ का मंदिर, बनारस की कचौड़ी, इन सभी में यह बताना मुश्किल है कि, बनारस मैं क्या सबसे फेमस है।

बनारस में क्या-क्या घूमने वाला है?

आप बनारस में काशी विश्वनाथ मंदिर, 84 घाट, दशा सुमेर घाट की सायं काल गंगा आरती, रामगढ़ किला, काल भैरव मंदिर इन जगहों पर जरुर घूमे ।

बनारस में घूमने के लिए कितने दिन चाहिए?

अच्छे से बनारस घूमने के लिए आपके पास काम से कम तीन दिन से एक सप्ताह का समय होना चाहिए । और इन एक सप्ताह में आप पूरी तरह बनारसी भी हो जाएंगे। और आप का मन इस शहर में पूरी तरह से लग जाएगा।

बनारस में होटल का किराया कितना है ?

बनारस मे होटल का किराया 1000 रुपये से लेकर 5000 रुपये तक है। आप अपने बजट के अनुसार होटल मे रुक सकते है।

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