मैहर में घूमने के लिए बहुत सारी जगह और पर्यटक स्थल मौजूद हैं जिनके बारे में आप बारी-बारी से जानेंगे यह सारी घूमने वाली जगहे मा शारदा मंदिर से 50 किलोमीटर की दूरी के अंदर ही मौजूद है।
- मां शारदा मंदिर मैहर
- गोल मठ मंदिर मैहर
- आल्हा ऊदल का मंदिर
- बड़ी खेरमाई मंदिर
- बड़ा अखाड़ा मंदिर मैहर
- नीलकंठ मंदिर और आश्रम मैहर
- पन्ना राष्ट्रीय उद्यान
- मैहर का किला
- ओइला मंदिर मैहर
- पन्नीखोह जलप्रपात मैहर
- इच्छा पूर्ति मंदिर मैहर
- भैरव मंदिर मैहर
मैहर देवी मंदिर

मैहर शहर, मध्य प्रदेश के सतना जिले में है। इसे माई और हर शब्द से बाना हुआ कहा जाता है, जिसका अर्थ होता है माँ का हार। यहाँ पर भगवान शिव की पत्नी माँ सती का हार गिरा था, जिससे इस स्थान को मैहर का नाम परा है ।
यहाँ पर माँ शारदा देवी का मंदिर है, जो त्रिकूटा पहाड़ी की सबसे ऊँची चोटी पर स्थित है। इस मंदिर तक पहुँचने के लिए 1063 सीढ़ियाँ हैं लेकिन वर्तमान में वहाँ रोपवे की सुविधा भी है।
आल्हा उदल का अखाड़ा
शारदा माता मंदिर के नीचे आल्हा उदल का अखाड़ा बना हुआ है अखाड़ा के बगल में एक सुंदर सा तलैया भी है जिसमे कमल का फूल पूरे साल लगा रहता है आप शारदा माता मंदिर से आल्हा उदल का अखाड़ा देख सकते हैं
आल्हा ऊदल माता शारदा के अनन्य भक्त थे आल्हा ऊदल के अखाड़े पर जाकर आप आल्हा ऊदल के खड़ाऊ, अखाड़ा खोदने वाली प्राचीन कुदाल, वीर योद्धा आल्हा और ऊदल से जुड़े हुए अनेक प्राचीन वस्तुओं को आप देख सकते हैं।

Alha Udal ki Kahani Maihar
आल्हा और उदल इसी जगह पर 12 वर्षों तक माता शारदा का तपस्या किया था और माता शारदा ने खुश होकर आल्हा उदल को अमरता का वरदान दिया था।
आल्हा ऊदल के अखाड़े पर जाकर आप माता शारदा मंदिर की सीढ़ियां चढ़ने की सारी थकान मिटा सकते हैं और इस खूबसूरत जगह को भी देख सकते हैं।
बड़ी खेरमाई

बड़ी खेरामाई मंदिर भी मैहर में घूमने के लिए एक अच्छा मंदिर है, इनके इस मंदिर में एक प्राचीन बावली भी बनी हुई है आप उसको भी देख सकते हैं। शारदा माता मंदिर घूमने के बाद आप बड़ी खेर माई मंदिर का दर्शन जरूर कर लें क्योंकि बड़ी खेर माई मंदिर को माता शारदा की बड़ी बहन माना जाता है और इनका दर्शन करना भी श्रद्धालुओं के लिए बहुत जरूरी है
बड़ा अखाड़ा मंदिर मैहर

बड़ा अखाड़ा मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और इसकी खास बात यह है कि एक ही मंदिर में भगवान शिव की 108 शिवलिंग की स्थापना की गई है और इस मंदिर के गर्भ ग्रह में भगवान शिव की मुख्य शिवलिंग भी आपको देखने को मिलेगा इस मंदिर में एक आश्रम भी बना हुआ है जहां पर गुरुकुल के प्राचीन व्यवस्था से बच्चों को शिक्षा दिया जाता है आप इस मंदिर को भी देख सकते हैं और यह मंदिर मैहर में ही स्थित है।
नीलकंठ मंदिर और आश्रम
इसी पवित्र स्थान पर नीलकंठ महाराज ने कठोर तपस्या की थी और इसी जगह पर अपने इष्ट देव से वरदान भी प्राप्त किया था इस जगह पर मंदिर और एक आश्रम भी बना हुआ है यह जगह मैहर माता मंदिर से 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है आप ऑटो और बस से नीलकंठ महाराज की तपोभूम तक पहुंच सकते हैं।
मैहर का किला – Fort

मैहर में एक प्राचीन किला भी मौजूद है इसका निर्माण 300 साल पहले हुआ था इस किले में 200 से अधिक कमरे बने हुए हैं और यह किला आज भी बहुत खूबसूरत है आप इस किले को भी देख सकते है लेकिन इस किले को देखने के लिए आप को कुछ शुल्क देना पड़ेगा मैहर का किला मैहर मे ही स्थित है।
पन्ना राष्ट्रीय उद्यान – Panna National Park
मैहर माता मंदिर से पन्ना राष्ट्रीय उद्यान की दूरी केवल 50 किलोमीटर की है यह मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में आता है पन्ना राष्ट्रीय उद्यान को 1981 में बनाया गया।

पन्ना राष्ट्रीय उद्यान में आपको शेर, चीता, हिरण, भालू, और नील गाय, आसानी से देखने को मिलेगा।
पन्ना को राष्ट्रीय उद्यान के साथ-साथ दुनिया का इकलौता हीरे के खदान के रूप में भी जाना जाता है आप इस जगह जाकर धरती से हीरा किस तरह से निकाला जाता है आप उसे भी देख सकते हैं।
मैहर क्यों प्रसिद्ध है – why famous
मैहर माता शारदा की भव्य मंदिर और घूमने-फिरने के लिए प्रसिद्ध है और मैहर में कई सीमेंट की कंपनियों का मैन्युफैक्चरिंग हब भी है इस वजह से मैहर धार्मिक दर्शन और घूमने व सीमेंट के लिए फेमस है।
मैहर का लोकल खाना
मैहर की यात्रा पर आपको खाने के लिए बहुत से स्थानीय पकवान मिल जाएगा जिसमें दाल पकवान, सेव भुजिया की सब्जी, पोहा चटनी, आलू बंडा, चावल दाल, सबसे मुख्य है आप मैहर की यात्रा पर इसे बड़े चाव से खा सकते है।
मैंहर घूमने का सबसे अच्छा मौसम – Good time to visit
मैहर में गर्मी बहुत अत्यधिक पड़ती है और बारिश भी ज्यादा होता है ठंडी के महीने में मैहर माता मंदिर की चढ़ाई करना आसान होता है आप जब भी मैहर माता मंदिर का दर्शन करने के लिए जाएं तब ध्यान दे की मौसम तेज गर्मी वाला ना हो गर्मी के महीने में यहां का तापमान 45 डिग्री सेल्सियस तक चला जाता है
मैहर माता मंदिर जाने के लिए सबसे अच्छा समय अक्टूबर से अप्रैल तक का है
मैहर में रुकने की जगह – where to stay
मैहर में रुकने के लिए बहुत से गेस्ट हाउस, लॉज और होटल मौजूद है जहां पर आप रुक सकते हैं अगर आप कम पैसे में रुकना चाहते हैं तो मैहर में कई धर्मशाला भी मौजूद है। जहाँ आप आराम से ठहर सकते हैं।
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Hi, मैं पूजा हूँ और मुझे घूमना और घूमने बारे में जानकारी देना बहुत पसंद है मैंने कई जगहों की यात्रा की है आप मेरे इस GhumoGhoomao.com से सफर पर जाने से पहले जानेंगे कि कहाँ घूमें, यात्रो को मजेदार कैसे बनाएं, सस्ते-अच्छे-होटल की जानकारी। उम्मीद है की मेरे द्वारा दिया जानकारी आपके यात्रा आसान बनाएगा!
बहुत सुन्दर
जानकर अच्छा लगा GhumoGhOOmao.com ब्लॉग को आपने बहुत सुन्दर है कहा – धन्यवाद!
Sundar bolanese nahi hota sthalpar jakar pura dekhkar bologe Sundar nahi attisunadar