मैहर देवी मंदिर की पूरी जानकारी | मैहर में घूमने की जगह

मैहर माता का मन्दिर बहुत लोकप्रिय धार्मिक स्थल मे से एक है। मैहर माता का मंदिर मा शारदा को समर्पित है जहां देश भर से श्रद्धालु मैहर माता का दर्शन करने के लिए पूरे साल आते रहते हैं। मैहर में माता शारदा मंदिर के अलावा भी बहुत से घूमने वाली जगहे मौजूद है जिसके बारे में आप इस आर्टिकल में पूरे विस्तार से जानेंगे।

हम आपको इस आर्टिकल मे  मैहर में घूमने वाली जगह, मैहर माता का मंदिर कैसे जाएं, मैहर माता मन्दिर जाने का रास्ता, मैहर मंदिर के बारे में सभी महत्वपूर्ण जानकारियां, और आप के अनेको सवालों के जवाब इस आर्टिकल मिल जाएंगे तो इसलिए आप लोग हमारे साथ इस आर्टिकल में पूरा अंत तक बने रहें और इसे ध्यानपूर्वक पढ़ें

मैहर देवी मंदिर कहां है

मैहर देवी मंदिर मध्य प्रदेश मे सतना जिले के मैहर ब्लॉक में आता है सतना जिला मुख्यालय से माता मैहर की दूरी 40 किलोमीटर की है माता मैहर का मंदिर त्रिकुट की पहाड़ी पर 600 मीटर ऊपर बना हुआ है।

Maihar Mata Mandir - Maihar Mandir
Maihar Mata Mandir – Maihar Mandir

मैहर मंदिर कैसे जाएं – how to reach maihar devi temple

मैहर माता का दर्शन करने के लिए आपके पास ट्रेन बस और फ्लाइट तीनों विकल्प मौजूद है हम आपको मैहर देवी मंदिर के इन तीनों रास्तों के बारे में बताएंगे आप अपने सुविधा के अनुसार मैहर देवी मंदिर तक पहुंच सकते हैं।

ट्रेन द्वारा मैहर माता मंदिर कैसे जाएं – reach by train

मैहर माता मंदिर बहुत लोकप्रिय धार्मिक स्थल में से एक है मैहर रेलवे स्टेशन देशभर के तमाम रेलवे नेटवर्क से जुड़ा हुआ है और आप यहां बहुत आसानी से रेल मार्ग से पहुंच सकते हैं मैहर रेलवे स्टेशन से मैहर माता मंदिर की दूरी 6 किलोमीटर की है।

फ्लाइट से मैहर माता मंदिर कैसे जाएंreach by flight

फ्लाइट से बिहार माता मंदिर जाने के लिए आपको मैहर माता मंदिर के नजदीकी एयरपोर्ट खजुराहो पहुंचना होगा जहां से मैहर माता मंदिर की दूरी 105 किलोमीटर की है खजुराहो से आपको टैक्सी, बस या ट्रेन से मैहर माता मंदिर के तक पहुंचना होगा।

मैहर माता मंदिर के बारे में महत्वपूर्ण जानकारियां

मैहर माता मंदिर 51 शक्तिपीठों में से एक है और यही वह जगह है जहां माता सती का हर गिरा हुआ था और इसी जगह को आज हम लोग मैंहर के नाम से जानते हैं।

मैहर माता का मंदिर विंध्य पर्वत श्रृंखला के त्रिकूट पहाड़ी पर बना हुआ है।

 जिसका आकार एक पिरामिड की तरह से है और माता शारदा को मां सरस्वती का साक्षात रूप माना जाता है इस मंदिर में श्रद्धालुओं को दर्शन करने के लिए 1052 सीढ़ियां चढ़कर पहुंचना पड़ता है।

 पौराणिक मान्यता यह है कि इस जगह पर सबसे पहले पूजा आदि गुरु शंकराचार्य ने की थी और पुराणों में भी त्रिकूट पर्वत का कई जगह जिक्र मिलता है और नवरात्र के समय में मां शारदा के भक्ति लाखो के संख्या मे पहुंच है।

और जो भक्त सच्चे दिल से मैहर माता मंदिर पहुंच के दर्शन और मन्नत मांगते है तो उनकी सभी मन्नत को मा शारदा पुरा कर देती है और इस शक्तिपीठ में मां शारदा को नारियल चढ़ाया जाता है।

माना कुछ ऐसा है कि माता को चढ़ाया हुआ नारियल अगर खराब निकल जाता है तो इसका मतलब यह होता है कि माता ने आपकी प्रसाद को स्वीकार कर लिया है और आपकी मनोकामना बहुत जल्दी पूर्ण हो जाएगी।

Maihar devi temple - mata sharda mandir satna maihar
Maihar devi temple – mata sharda mandir satna maihar

मैहर माता किसकी कुलदेवी है

मैहर माता वीर योद्धा आल्हा और उदल की कुलदेवी है मान्यता यह भी है कि मंदिर का कपाट खुलने से पूर्व आल्हा हर रोज माता का पूजा कर लेते हैं और सबूत के तौर पर माता पर चढ़े कमल के फूल को भी देखा जा सकता है और कई न्यूज़ चैनल ने भी इसको रिकॉर्ड किया है और अपने चैनल पर प्रसारित भी किया है।

MP के मैहर माता – सालों से आल्हा ऊदल करते है माता शारदा देवी की पूजा

मैहर का मंदिर कब जाना चाहिए – Best time to visit

सबसे सही समय अक्टूबर से अप्रैल के महीने में अगर आप जाते हैं तो उस समय यहां हल्की ठंडी और गर्मी होती है जो सबसे उपयुक्त महीना है मैहर माता मंदिर जाने के लिए और मैहर माता मंदिर के आसपास घूमने वाले जगह के लिए क्योंकि यहां गर्मी भी बहुत अधिक पड़ती है और बारिश भी ज्यादा होता है।

वैसे मैहर मंदिर जाने के लिए नवरात्रि का समय अच्छा मना जाता है।

Timings – मैहर मदिर खुलने का समय

मैहर मंदिर हर रोज सुबह 5:00 बजे खुल जाता है और रात के 8:00 मंदिर को बंद कर दिया जाता है इन्हीं समय के बीच श्रद्धालु माता का दर्शन करते हैं और रात में 8:00 के बाद कोई भी व्यक्ति मैहर माता मंदिर में नहीं रहता।

जो भी व्यक्ति रात के समय में मैहर माता मंदिर में रुकता है तो या वह पागल हो जाएगा या जान से जाएगा इसीलिए मंदिर कमेटी के तरफ से सभी भक्तों को यह चेतावनी और सख्त निर्देश दी जाती है कि कोई भी व्यक्ति रात में मंदिर परिसर में ना रुके।

मैहर वाली माता जाने में खर्चा

मैहर माता मंदिर जाने के लिए और आसपास की जगह को घूमने के लिए प्रति व्यक्ति 5 हजार से लेकर 10 हजार तक का खर्चा आएगा, अगर आप दूसरे राज्य से आ रहे हैं तो। लेकिन इतने पैसों में आप बड़े आराम से मैहर माता मंदिर सहित आसपास की सभी घूमने वाली जगह को आप देख सकते हैं।

यदि आप फ्री में खान और ठहरना चाहते हैं तो आप माई की रसोई में निःशुल्क पेटभर खान खा सकते हैं और यदि आप चाहे तो यहाँ फ्री में रुक भी सकते है ठहरने का भी व्यवस्था मिल जाता है।

मैहर में रुकने की व्यवस्था

धर्मशाला

मैहर में आपको अनेकों धर्मशाला मिल जाएंगे रुकने के लिए जिसका चार्ज ₹500 तक का होता है और आपको कई ऐसे भी धर्मशाला मैहर में देखने को मिलेंगे जो बस बेड हि सोने के लिए देते है और प्रति बेड का चार्ज 100 रुपया तक का होता है आप अपने बजट के अनुसार अपने लिए धर्माशाला ले सकते है।

होटल

मैहर में आपको साधारण होटल से लेकर लग्जरी होटल तक मिल जाएंगे और साधारण होटल का चार्ज  1500 से लेकर 2500 तक का होता है साधारण होटल में भी आपको होटल की सभी मूलभूत सुविधाओं का लाभ मिलेगा जिसमें रहना खाना जिम इत्यादि मौजूद होते हैं

मैहर में खरीदारी कहां करे

मैहर माता मंदिर के सामने ही एक बहुत बड़ा मार्केट लगता है जहां से आप प्रसाद, बच्चों के खिलौने, माता शारदा की फोटो और मूर्तियां, कपड़े इत्यादि खरीद सकते हैं और यहां आप लकड़ी और मिट्टी की भी अनेक आकृतियां बिकती हुई देख सकते हैं और चाहे तो खरीद भी सकते हैं

विजयराघवगढ़  फोर्ट

यह किला मध्य प्रदेश के जबलपुर में बना हुआ है इसका निर्माण 19वीं शताब्दी में विजयराघवगढ़ के राजा प्रयागदास ने करवाया था और एक समय बाद इस किले पर अंग्रेजों ने भी शासन किया

इस किले पर पर्यटकों की भीड़ हमेशा लगी रहती है और आप भी इस ऐतिहासिक किले में Visit कर सकते हैं

चित्रकूट

चित्रकूट
चित्रकूट

मैहर से चित्रकूट की दूरी 116.7 किलोमीटर की है और चित्रकूट में भगवान श्री राम ने बनवास के दौरान सबसे अधिक समय यही व्यतीत किया था और भगवान श्री राम से जुड़ी हुई अनेकों कहानियां और भगवान श्री राम जुड़े तथ्य आपको देखने को मिलेंगे

चित्रकूट धाम पहुंचकर आप इन सभी जगह पर आप घूम सकते हैं

  • Kamadgiri Parvat
  • Lakshman Pahadi
  • Ramghat
  • Gupt Godawri
  • Bharat Milap
  • Valmiki Ashram
  • Sphatik shila

यह सभी रामायण काल से जुड़ी जगह चित्रकूट में मौजूद है आप इन जगहों पर पहुंच के अपनी यात्रा को  धार्मिक और प्रकृतिक बना सकते है

भरहुत स्तूप

इस स्तूप को सतना जिले के भरहुत गाव मे अशोक महान ने करवाया था और यह स्तूप बौद्ध धर्म के पूजनीय स्थल के लिए भी जाना जाता है

आप इस जगह जाके भगवान बुद्ध से जुड़ी हुई बहुत से चिन्ह जैसे धर्म चिन्ह, खाली सीट, पैरों के निशान,  बोधि वृक्ष, को देख सकते है भरहुत स्तूप का निर्माण अशोक महान ने करवाया था लेकिन शुगं राजवंश ने प्रवेश द्वार और रेलिंग को लगवाया था

आप इस ऐतिहासिक स्तूप को देख सकते है यह स्तूप सतना जिले मे ही बना हुआ है

 FAQ  

मैहर का मंदिर कहां पर है ?

मैहर देवी मंदिर मध्य प्रदेश मे सतना जिले के मैहर ब्लॉक के अंतर्गत आता है सतना जिला मुख्यालय से माता मैहर की दूरी 40 किलोमीटर की है माता मैहर का मंदिर त्रिकुट की पहाड़ी पर 600 मीटर ऊपर बना हुआ है

मैहर मे कितनी सीढ़िया है?

मैहर मंदिर मे 1056 सीढ़िया है और चढ़ाई करने मे 2 घंटे तक का समय लग सकता है

मैहर स्टेशन से मंदिर की दूरी ?

मैहर स्टेशन से मंदिर की दूरी 6 km कि है

मैहर में कौन सी नदी है

मैहर में टोंस या तमसा नदी बहती है और यह नदी मैहर तहसील के अंतर्गत हि एक पहाड़ी से इसका उदगम होता है

माता शारदा देवी मंदिर का खुलने का समय

मैहर मंदिर हर रोज सुबह 5:00 बजे खुल जाता है और रात के 8:00 मंदिर को बंद कर दिया जाता है

मैहर से चित्रकूट की दूरी कितनी है

मैहर से चित्रकूट की दूरी 120 किलोमीटर की है और चित्रकूट में भगवान श्री राम ने बनवास के दौरान सबसे अधिक समय यही व्यतीत किया था

Conclusion

आप इस आर्टिकल मे Maihar me ghumne और मैहर माता का दर्शन से जुड़ी हुई जानकारी, के बारे में आप लोगों ने जाना हमें उम्मीद है कि यह जानकारी आपको बहुत अच्छी लगी

आप यह आर्टिकल को ghumoghoomao.com पर पढ़ रहे हैं और हमने आप लोगों के लिए इसी तरह के और भी आर्टिकल लिखे हुए हैं आप उन सभी आर्टिकल को भी जरूर पढ़ ले और पूरा पढ़ने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद

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