Prayagraj famous tirth sthal places

इलाहाबाद रेलवे स्टेशन से जगह और दूरी

जगहइलाहाबाद रेलवे स्टेशन से दूरी
त्रिवेणी संगम (Triveni Sangam)8 Km
लेटे हनुमान मंदिर (Lete Hanuman Temple)7 Km
अलोपी देवी मन्दिर (Alopi Devi Mandir)6 Km
श्री मनकामेश्वर मंदिर (Shri Mankameshwar Mandir)6 Km
श्री अखिलेश्वर महादेव (Shri Akhileshwar Mahadev)6 Km
शिवकुटी (Shivakuti)6 Km

इलाहाबाद का कुम्भ मेला

kumbh mela
kumbh mela

पौराणिक मान्यता यह है कि समुद्र मंथन के दौरान भगवान विष्णु ने इसी रास्ते अमृत कलश को लेकर जा रहे थे। और अमृत की चार बुंदे इसी संगम मे गिरा था।

तब से इस जगह पर संगम स्न्नान होना सुरु हुआ। और इस जगह का नाम तीर्थराज भी पड़ गया, संगम मे डुबकी लगा लेने से सभी पाप कट जाते है और लोग पवित्र हो जाता है।

इस मेले का आयोजन हर साल माघ माह मे होता है और इस जगह पर प्रत्येक बारह साल बाद कुम्भ मेला और हर 6 बर्ष बाद अर्धकुम्भ मेले का आयोजन होता है।

सिविल लाइन से इलाहबाद कुम्भ मेले की दूरी 5 किलोमीटर की है। जहा आप ऑटो और कैब से पहुंच सकते है।

इलाहाबाद का फेमस माघ मेला

Magh mela at prayagraj allahabad
Magh mela at prayagraj allahabad

इलाहाबाद का फेमस माघ मेला प्रत्येक वर्ष सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने पर लगता है। और इस दिन पूरे देश सहित विश्व भर के लोग त्रिवेणी गंगा स्नान करने के लिए इलाहाबाद पहुंचने हैं।

इस मेले में नागा साधुओं की अनेको रैलियां भी निकालते हैं।

2024 में इलाहाबाद का माघ मेला 15 जनवरी से शुरू होकर 8 मार्च तक रहेगा।

इलाहाबाद का माघ मेला इलाहाबाद का आकर्षण का केंद्र है और यहां सनातन काल से मेले का आयोजन होता आ रहा है पौराणिक मान्यता यह है कि समुद्र मंथन के समय जब भगवान विष्णु अमृत के कलश को लेकर जा रहे थे।

तब असुरों द्वारा छीना झपटी करने पर अमृत की चार बूद संगम में गिर गया था। तभी से इस जगह पर हर साल माघ माह में विश्व प्रसिद्ध मेले का आयोजन होता है।

बड़े हनुमान जी का मंदिर

bade hanuman ji ka mandir lette hanuman ji temple
bade hanuman ji ka mandir lette hanuman ji temple

बड़े हनुमान जी का मंदिर इलाहाबाद किले से 500 मी उत्तर दिशा में बना हुआ है। यह मंदिर पूरी दुनिया का इकलौता ऐसा मंदिर है जिस मंदिर में हनुमान जी लेटे हुए हैं। मंदिर का एक हिस्सा नदी के पानी में हमेशा डूबा रहता है।

bade hanuman ji
bade hanuman ji

जो लोग इलाहाबाद में घूमने जाते हैं। वह इस ऐतिहासिक मंदिर में दर्शन जरूर करते हैं। यहां श्रद्धालुओं की भीड़ पूरे साल बनी रहती है

लेटे हनुमान मंदिर

Lete hue hanuman ji ka mandir
Lete hue hanuman ji ka mandir

ऐसा कहते है कि जब बजरंगबली लंका से वापस अयोध्या रहे थे तो रास्ते में थकावट के वजह से माता सीता से आज्ञा लेकर संगम के किनारे इसी मुद्रा में लेट गए थे और इसी को देखते हुए इस मंदिर का निर्माण हुआ है।

जो लोग प्रयागराज स्नान करने जाते हैं। वह स्नान करने के बाद लेटे हुए हनुमान जी का दर्शन जरूर करते हैं।

पौराणिक मान्यता यह है कि जो भी गंगा स्नान के बाद लेटे हनुमान जी का दर्शन नहीं करते तो उनका स्नान अधूरा माना जाता है। हनुमान जी का चमत्कार सभी युगों में रहा है। और कलयुग में भी बजरंगबली का चमत्कार मौजूद है।

प्रसिद्ध अलोपी मंदिर

Prayagraj Alopi devi mandir
Prayagraj Alopi devi mandir

यह मंदिर मां सती के सभी शक्तिपीठों में से एक है और अलोपी मंदिर इलाहाबाद के अलोपी बाग में स्थित है। इस शक्तिपीठ में कोई भी मूर्ति नहीं लगा हुआ है पौराणिक मान्यता यह है कि इस जगह पर मां सती के दाहिने हाथ का पञा गिरा हुआ था।

इस जगह पर श्रद्धालुओं की भीड़ हमेशा बनी रहती है। आप भी इस मंदिर का एक बार विजिट जरूर करें।

मनकामेश्वर मंदिर प्रयागराज – जाना ना भूले

mankameshwar mandir prayagraj
mankameshwar mandir prayagraj – मनकामेश्वर मंदिर प्रयागराज

प्रयागराज में स्थित मनोकामेश्वर मंदिर भगवान शिव को समर्पित मंदिर है। ऐसा माना जाता है कि त्रेता युग में भगवान श्रीराम ने प्रयागराज में इस मंदिर का स्थापना किया था। यह मंदिर यमुना नदी के किनारे और अकबर के किले के बिल्कुल नजदीक में  है।

इस मंदिर में दर्शन कर लेने से सभी मनोकामना पूर्ण होती हैं ऐसा मान्यता है, इसलिए प्रयागराज जाने वाले श्रद्धालु मनोकामेश्वर मंदिर जरूर जाते हैं। आप भी जब प्रयागराज पहुंचे। तो इस मंदिर में जाना ना भूले।

सरस्वती घाट

Saraswati Ghat Prayagraj
Saraswati Ghat Prayagraj

सरस्वती घाट इलाहाबाद में यमुना नदी के किनारे मौजूद है जो इलाहाबाद का सबसे शानदार घाटों में से एक है। यह घाट मनोकामेश्वर मंदिर के बिल्कुल नजदीक है।

इस घाट का नाम विद्या की देवी माता सरस्वती के नाम पर रखा गया है। इस घाट में शाम के समय दीपदान और आरती होता है जो देखने में बहुत ही अच्छा लगता है।

सरस्वती घाट घाट की सीढ़ियां तीन तरफ से यमुना जी मे उतरती है जो अपने आप में अद्भुत है और इस घाट से आप नाव से यात्रा का मजा लेते हुए संगम तक भी पहुंच सकते हैं।

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