भारत में लोग अपने धर्म से काफी ज्यादा जुड़े रहते हैं, भारत के लोगों में श्रद्धा और धार्मिकता शुरू से काफी ज्यादा है। भारत में प्राचीन काल से ही हजारों मंदिर है जो अपनी खूबसूरती और प्राचीन संस्कृति के लिए जानी जाती है। मंदिर अलग-अलग धर्म के लोगों की श्रद्धा का केंद्र होता है जहां लोग आकर पूजा पाठ करते हैं और भगवान से आशीर्वाद मांगते हैं।
भारत में कई ऐसी सुंदर-सुंदर मंदिर मौजूद है जिन्हें प्राचीन काल में महाराजाओं के द्वारा बनवाया गया था, यह मंदिर आज के समय में भी देखने में उतने ही खूबसूरत लगते हैं।
कई मंदिरों की उम्र सैकड़ों वर्षों से भी अधिक होती है, लेकिन उनकी भव्यता और सुंदरता आज भी हमें प्रभावित करती है। भारतीय लोगों के अंदर धार्मिक भावना हमेशा रहती है इसलिए लोग हमेशा मंदिरों में जाकर भगवान का पूजन करते हैं।
आपको बता दे कि भारत को सोने की चिड़िया कहीं जाती थी क्योंकि प्राचीन समय में भारत में कई ऐसे मंदिर थे जो कि सोने और चांदी बने हुए थे लेकिन अंग्रेजों और मुसलमानों द्वारा इन सभी को तोड़ दिया गया था।
लेकिन इसके बावजूद अधिकतर मंदिरों का पूर्ण निर्माण भी कराया गया। भारत के अलग-अलग हिस्सों में अलग-अलग प्रकार की शैली वाले मंदिर देखने को मिलते हैं। ऐसे में इस लेख के द्वारा हम आपको भारत के सबसे प्रसिद्ध मंदिरों के बारे में बताने वाले हैं।
अगर आप भी जानना चाहते हैं कि भारत में सबसे प्रसिद्ध मंदिर कौन-कौन से हैं तो इस लेख को अंत तक जरूर पढ़ें।
भारत के सबसे प्रसिद्ध मंदिर कौन कौन है? (Bharat Ke Sabse Prasidh Mandir)
भारत के लोगों में शुरू से ही भगवान को लेकर काफी ज्यादा श्रद्धा रही है। हमारे देश के अलग-अलग जगह पर कई सारे ऐसे प्रसिद्ध मंदिर मौजूद है जहां लाखों के भीड़ में लोग पहुंचते हैं और भगवान का दर्शन करते हैं। हमारे देश में कई सारे ऐसे प्रसिद्ध मंदिर मौजूद हैं जो कि पूरे भारत भर में प्रसिद्ध है और उनकी मान्यता काफी ज्यादा है।
ऐसे में हम आपको भारत के 15 सबसे प्रसिद्ध मंदिरों के बारे में बताने वाले हैं। अगर आप भी भारत के सबसे प्रसिद्ध मंदिरों के बारे में जानना चाहते हैं तो नीचे दिए गए लेख को पढ़ें।
राम मंदिर, अयोध्या – Ram Mandir Temple In Hindi
मौजूद समय में अयोध्या में बना राम मंदिर भारत में एक प्रसिद्ध और काफी चर्चित मंदिर है। अयोध्या भगवान राम का जन्म स्थल है जहां कई सालों के संघर्ष के बाद मंदिर बना है।
राम मंदिर का प्रण प्रतिष्ठा समारोह 22 जनवरी, 2024 को आयोजित किया गया था। इसके बाद देश के चारों तरफ से भक्तों की भीड़ लगी रहती है। भगवान राम के दर्शन करने भक्त देश के चारों कोनो से आते हैं।
आपको बता दे कि यह बहुत सुंदर राम मंदिर 57400 वर्ग फुट में बना हुआ है। मंदिर की लंबाई 360 फीट, चौरई 235 फीट और ऊंचाई 161 फीट है। राम मंदिर हिंदुओं के लिए एक महान जगह बन गया है जहां लोग श्रद्धा से आते हैं और भगवान का दर्शन करते हैं।
आपको बता दें कि राम मंदिर में श्री राम का तिलक सूर्य के किरणे के द्वारा किया जाता है जिसे काफी अद्भुत माना जाता है।
श्री राम को लेकर हमारे देश में काफी ज्यादा लोकप्रियता है इसलिए युवाओं से लेकर बूढ़ों तक अयोध्या में भगवान राम के दर्शन करने आते हैं।
- कैसे जाएँ: अयोध्या रेलवे स्टेशन उतरने के बाद मात्र 1 किलोमीटर के दूरी पर ही राम मंदिर मौजूद है, अयोध्या रेलवे स्टेशन से आप ई रिक्शा, टेंपो या बस आदि से जा सकते हैं जिसका भड़ा मात्र ₹10 है।
- दर्शन का समय: राम मंदिर सुबह 6:30 बजे से लेकर 12:00 बजे तक खुला रहता है, इसके बाद 2 घंटे के लिए पट बंद कर दिया जाता है। फिर दोपहर 2:00 बजे से लेकर रात 10:00 बजे तक मंदिर खुला रहता है।
- यात्रा करने का सही समय: आप कभी भी राम मंदिर में जाकर श्री राम का दर्शन पूरे साल कर सकते हैं।
केदारनाथ मंदिर, उत्तराखंड – Kedarnath Temple, India In Hindi
भारत के सबसे प्रसिद्ध मंदिरों की बात किया जाए तो उसमें केदारनाथ मंदिर का नाम होना अनिवार्य है। केदारनाथ मंदिर भगवान शिव का सबसे प्रसिद्ध और लोकप्रिय मंदिर माना गया है जहां हर साल लाखों श्रद्धालु जाकर भगवान शिव के दर्शन करते हैं।
केदारनाथ मंदिर उत्तराखंड राज्य के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित है जो समुद्री तल से लगभग 11450 फीट की ऊंचाई पर है। केदारनाथ मंदिर को भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से सबसे बड़ा ज्योतिर्लिंग माना जाता है।
प्राचीन ग्रंथों के अनुसार इस मंदिर को पांडवों के द्वारा बनाया गया था लेकिन बाद में इसे आदि शंकराचार्य ने बनवाया था। केदारनाथ मंदिर तक पहुंचाने के लिए आपको 14 किलोमीटर लंबे पहाड़ी रास्ते पर चलकर जाना होता है।
इसके साथ ही आपको बता दे की केदारनाथ मंदिर सिर्फ अप्रैल महीने से लेकर नवंबर महीने तक ही खुला रहता है, क्योंकि बाकी का समय यह मंदिर बर्फ से चारों तरफ से घिरा हुआ रहता है।
इस मंदिर के खुलने और बंद होने का भी मुहूर्त निकाला जाता है जिसमें लाखों की भीड़ जुटाती है। भगवान शंकर के दर्शन के साथ-साथ इस मंदिर के चारों तरफ का पर्यावरण काफी सुंदर और अच्छा है, मंदिर के चारों तरफ पहाड़ है जो ढके हुए रहते हैं जिससेप्राकृतिक सुंदरता भी काफी ज्यादा खूबसूरत लगता है।
भगवान शिव के भक्त इस मंदिर में उनके दर्शन के लिए एक न एक बार जरूर जाते हैं।
- कैसे जाएँ: केदारनाथ जाने के लिए आपको ऋषिकेश, हरिद्वार या देहरादून स्टेशन उतरना होगा। स्टेशन पर ही केदारनाथ जाने के लिए बस की सुविधा मौजूद होती है।बस से उतरने के बाद आपको 14 किलोमीटर तक पैदल यात्रा करना होगा।
- दर्शन का समय: दिन में दोपहर 3:00 बजे से लेकर शाम 5:00 बजे के बीच मंदिर बंद रहता है इसके अलावा आप कभी भी भगवान के दर्शन कर सकते हैं।
- यात्रा करने का सही समय: केदारनाथ का यात्रा करने के लिए सबसे सही समय मई, जून सितंबर और अक्टूबर महीने को माना जाता है।
वैष्णो देवी मंदिर, जम्मू कश्मीर – Vaishno Devi Temple, Bharat In Hindi
भारत के जम्मू कश्मीर राज्य में मौजूद वैष्णो देवी का मंदिर माता रानी के मंदिर से पूरे भारतवर्ष में प्रसिद्ध है। मां दुर्गा का यह एक गुफा में मंदिर है जो की त्रिकुटा पहाड़ियों से तकरीबन 5200 फिट की ऊंचाई पर मौजूद है।
वैष्णो देवी मंदिर देवी मां के 108 शक्तिपीठों में से एक माना गया है, और यहां जाने के लिए आपको लगभग 13 किलोमीटर की पैदल चढ़ाई करनी होती है।
आप चाहे तो घोड़ सवारी से भी मंदिर तक पहुंच सकते हैं और अब तो हेलीकॉप्टर से भी जाने की सुविधा मौजूद है। यह मंदिर जम्मू के कटरा शहर से लगभग 13 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
भारत में सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में वैष्णो देवी मंदिर का नाम जरूर होता है क्योंकि इसका नाम सुनने के बाद लोगों के मन में श्रद्धा की भावना और भी बढ़ जाती है।
इस मंदिर को एक धार्मिक ट्रैकिंग डेस्टिनेशन भी माना जाता है। वैष्णो देवी मंदिर पहुंचने के बाद आंखों से देखा गया दृश्य काफी ज्यादा मनमोहन होता है क्योंकि यहां की प्राकृतिक सौंदर्य का बात ही कुछ अलग है। अगर आप देवी मां के भक्त हैं तो एक न एक बार वैष्णो देवी मंदिर जाकर उनके दर्शन जरूर करें।
- कैसे जाएँ: जम्मू रेलवे स्टेशन उतरने के बाद सड़क मार्ग के जरिये आपको वैष्णो देवी के बेस कैंप कटरा पहुंचना होगा, रेलवे स्टेशन से बस और टैक्सी आसानी से मिल जाती है।
- दर्शन का समय: माता वैष्णो देवी का दर्शन सुबह 5:00 बजे से दोपहर 12:00 बजे तक और शाम 4:00 बजे से रात 9:00 बजे तक होता है।
- यात्रा करने का सही समय: वैष्णो देवी यात्रा करने का सबसे सही समय मार्च महीने से अक्टूबर महीने तक माना जाता है।
काशी विश्वनाथ मंदिर, वाराणसी – Kashi Vishwanath Temple In Hindi
भारत के उत्तर प्रदेश राज्य में वाराणसी शहर में काशी विश्वनाथ मंदिर है, जो गंगा नदी के किनारे पर स्थित है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और भारत के प्रमुख 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। काशी विश्वनाथ मंदिर की विशेषता है उसकी भव्य और आकर्षक वास्तुकला। मंदिर के पास ही गंगा नदी में स्नान करना बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है और लोग वहाँ डुबकी लगाते हैं। और जब काशी और प्रयाग में घूमना काफी आनंद देता है
काशी विश्वनाथ धाम का क्षेत्रफल लगभग 5 लाख स्क्वायर फीट है। पहले मंदिर तक पहुंचने के लिए लोगों को गलियों और संकरे / पतली पतली रास्तों से होकर जाना पड़ता था, लेकिन अब काशी विश्वनाथ कॉरिडोर ने इसे आसान बना दिया है। काशी को दुनिया के सबसे प्राचीन और पवित्र शहरों में से एक माना जाता है।
इस मंदिर को सबसे प्राचीन माना जाता है और यहाँ भगवान शिव को विश्वनाथ या विश्वेश्वर कहा जाता है।
मंदिर के अतिरिक्त परिसर में और भी कई छोटे-छोटे मंदिर हैं। काशी विश्वनाथ का मंदिर भगवान भोलेनाथ के भक्तों के लिए महत्वपूर्ण है।
इसके अलावा मंदिर के निकट हीं दशाश्वमेध घाट पर हर शाम भव्य गंगा आरती होती है जिसमें हजारों लोग पहुंचते हैं और गंगा मां की आशीर्वाद लेते हैं।
- कैसे जाएँ: आपको प्रयागराज स्टेशन उतरना होगा, यहां से मात्र ₹20 का ई-रिक्शा या ऑटो पकड़ के आप बेहद ही आसानी से काशी विश्वनाथ मंदिर जा सकते हैं।
- दर्शन का समय: सुबह 4:00 बजे से लेकर रात 11:00 बजे तक आप कभी भी भगवान के दर्शन कर सकते हैं।
- यात्रा करने का सही समय: काशी विश्वनाथ मंदिर का यात्रा आप पूरे साल में कभी भी कर सकते हैं।
महाकालेश्वर मंदिर, उज्जैन – Mahakaleshwar Temple India In Hindi
भारत के मध्य प्रदेश राज्य के उज्जैन शहर में महाकालेश्वर मंदिर है, जो भारत के प्रमुख मंदिरों में से एक है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और भारत के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है।
मंदिर में हर सुबह भगवान शिव की भस्म से आरती की जाती है। इसकी विशेषता उसकी भव्य वास्तुकला में है, जिसमें मराठा, भूमिज और चालुक्य शैलियों का सुंदर मिलन है। यह मंदिर 5 मंजिलों का है, जिसमें से 1 मंजिल जमीन के अंदर है।
मंदिर के गर्भगृह में भगवान शिव की विशाल प्रतिमा है और मंदिर के ऊपरी हिस्से में ओमकारेश्वर और नागचंद्रेश्वर का लिंग स्थापित है। मंदिर के परिसर में एक बड़ा सा कुंड भी है। इस मंदिर के उत्तरी भाग में एक कक्ष है, जहां पर भगवान श्री राम और देवी अवंतिका के चित्र का पूजा किया जाता है।
यह मंदिर भगवान शिव का मुख दक्षिण की ओर होने के कारण विशेष है और यह भगवान शिव का भारत में एक ही मात्र ऐसा मंदिर है जिसमें इनका मुख दक्षिण दिशा की ओर है।
इस मंदिर में आज भी कई सारे रहस्य छिपे हुए हैं और महाशिवरात्रि के पर्व पर यहां लाखों भक्तों की भीर इकट्ठा होती है। इसके अलावा ऐसा भी माना जाता है कि इस मंदिर में भगवान के दर्शन करने पर अनजाने में हुआ सभी पापों को माफ कर देते हैं ।
- कैसे जाएँ: महाकालेश्वर मंदिर जाने के लिए आपको उज्जैन रेलवे स्टेशन पर उतरना होगा, रेलवे स्टेशन से सिर्फ 2 किलोमीटर की दूरी पर ही यह मंदिर स्थित है।
- दर्शन का समय: महाकालेश्वर मंदिर में भगवान के दर्शन सुबह 3:00 बजे से लेकर रात के 11:00 बजे तक होती है।
- यात्रा करने का सही समय: महाकालेश्वर मंदिर का यात्रा करने का सबसे सही समय अक्टूबर महीने से लेकर अप्रैल महीने तक का मना जाता है।
मीनाक्षी मंदिर, तमिलनाडु – Meenakshi Temple India In Hindi
तमिलनाडु राज्य के मदुरई शहर में मौजूद मीनाक्षी मंदिर भारत के सबसे प्रसिद्ध और मशहूर मंदिरों में से एक है। इस मंदिर को सन 1623 से लेकर सन 1655 के बीच बनाया गया था। मीनाक्षी मंदिर माता पार्वती को समर्पित है और इस मंदिर में भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है।
देवी पार्वती का जन्म स्थान के कारण इस जगह पर श्रद्धालुओं की हमेशा भीड़ रहती है, साथ ही ऐसा भी माना जाता है कि भगवान शिव और माता पार्वती ने विवाह करने के लिए सुंदरेश्वर रूप में इसी जगह का दौरा किया था।
मीनाक्षी टेंपल काफी ज्यादा सुंदर और भव्य बनाया गया है, इस मंदिर में प्रवेश करने के लिए कुल 14 प्रवेश द्वार मौजूद है जिनमें से चार द्वारा को सबसे प्रमुख माना गया है क्योंकि यह चारों दिशाओं में स्थित है और यह देखने में काफी ज्यादा खूबसूरत लगते हैं।
भारत में यह माता पार्वती का सबसे बड़ा और प्रसिद्ध मंदिर है, इस मंदिर की खूबसूरती इसको और भी ज्यादा प्रसिद्ध और मजबूत करती है।
- कैसे जाएँ: तमिलनाडु उतारने के बाद मीनाक्षी टेंपल जाने के लिए बस आपको कोयांबेडूमें मौजूद चेन्नै सीएमबीटी बस टर्मिनस से मिलेगी। इसके बाद मदुरै पहुंचकर आप मट्टुथवानी बस स्टैंड पर उतरना होगा, इस स्थान से मीनाक्षी टेंपल सिर्फ 20 मिनट की दूरी पर है, यहां से आप ऑटो या टैक्सी पकड़ कर सीधा मंदिर जा सकते हैं।
- दर्शन का समय: मीनाक्षी टेंपल मैं दर्शन सुबह 5:00 बजे से लेकर दोपहर के सारे 12:00 बजे तक होता है इसके बाद 4:00 बजे से लेकर रात्रि के सारे 9:00 बजे तक होता है।
- यात्रा करने का सही समय: मीनाक्षी टेंपल का यात्रा अप्रैल से मई महीने के बिच किया जा सकता है, क्योंकि इस वक्त रथ महोत्सव, मीनाक्षी थिरुकल्याणम, फ्लोट उत्सव आदि जैसे त्योहारों का भी आनंद लिया जा सकता है।
जगन्नाथ पुरी मंदिर, उड़ीसा – Jagannath Temple India In Hindi
भारत के उड़ीसा राज्य में पुरी में स्थित भगवान जगन्नाथ का मंदिर भारत की सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में से एक माना जाता है। जगन्नाथ मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित किया गया है और इसे 12वीं शताब्दी में बनाया गया था।
जगन्नाथ मंदिर में भगवान कृष्णा जी की पूजा की जाती है और यह मंदिर भारत के प्रसिद्ध चार धामों में से एक मंदिर माना गया है। जगन्नाथ का अर्थ सारे संसार के स्वामी होता है अर्थात भगवान जगन्नाथ। यह मंदिर धार्मिक और बेहद ही पवित्र स्थान माना गया है जहां हमेशा हजारों भक्तों की भीड़ लगी रहती है।
इस मंदिर में अभी भी काफी ज्यादा रहस्यमई बातें छुपी हुई है। वही इस मंदिर की सबसे खास बात यह है कि मंदिर के ऊपर लगा हुआ झंडा हमेशा हवा की उलटी दिशा में लहरता है और यह क्यों होता है आज तक किसी के द्वारा नहीं पता लगाया गया है।
यह मंदिर 45 मंजिलों की ऊंचाई इतनी बड़ी है जो की देखने में काफी ज्यादा अद्भुत है। यहां पर होने वाला विशाल रथ यात्रा पूरे भारत भर में प्रसिद्ध है और इसमें भाग लेने देश के चारों तरफ से हजारों लाखों लोग आते हैं।
- कैसे जाएँ: जगन्नाथ पुरी धाम जाने के लिए आपको उड़ीसा स्टेशन उतरना होगा, उड़ीसा स्टेशन से आप डायरेक्ट बस या टैक्सी के मदद से जगन्नाथ पुरी मंदिर जा सकते हैं।
- दर्शन का समय: भगवान जगन्नाथ का दर्शन सुबह 5:00 बजे से लेकर आधी रात तक होता है।
- यात्रा करने का सही समय: वही जगन्नाथ मंदिर जाने का सबसे सही यात्रा का समय जुलाई महीने से मार्च महीने तक का मना जाता है।
तिरुपति बालाजी मंदिर, आंध्र प्रदेश – Tirupati Balaji Temple, India In Hindi
आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले में स्थित तिरुमाला पहाड़ी पर यह मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित है। इसकी कहानी है कि प्राचीन समय में भगवान विष्णु ने अवतार लिया था ताकि वो विपदाओं को दूर कर सकें और यह मंदिर उसी बात का प्रमाण है। हर साल बहुत सारे श्रद्धालु इस मंदिर में आकर भगवान विष्णु के दर्शन करते हैं और अपने बालों को काटा कर अर्पण करते हैं।
यहां का मंदिर भारत के सबसे अमीर मंदिरों में से एक है, और यहां के बालों से करोड़ों का लाभ होता है। यह मंदिर भगवान विष्णु के चमत्कारी मंदिरों में से एक है, जो भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करता है। इसे लोगों के जीवन में सफलता और खुशी लाने वाला माना जाता है।
यह मंदिर समुद्र तल से 853 फीट की ऊंचाई पर स्थित है और सात पहाड़ियों पर बना है, इसलिए इसे सात पहाड़ियों का मंदिर भी कहा जाता है। इस मंदिर को वेंकटेश मंदिर भी कहा जाता है और यह अपने रहस्यों और चमत्कारी शक्तियों के लिए सबसे ज्यादा प्रसिद्ध है। भगवान विष्णु का दर्शन करने यहां श्रद्धालु हमेशा भारी संख्या में मौजूद रहते हैं।
- कैसे जाएँ: तिरुपति बालाजी मंदिर जाने के लिए आपको आंध्र प्रदेश स्टेशन उतरना होगा, यहां से आप बस के द्वारा तिरुपति बालाजी मंदिर जा सकते हैं।
- दर्शन का समय: तिरुपति बालाजी मंदिर का दर्शन सुबह 2:30 बजे से लेकर दोपहर के 11:00 तक होता है।
- यात्रा करने का सही समय: तिरुपति बालाजी मंदिर का यात्रा करने का सबसे सही समय सितंबर और अक्टूबर महीना माना गया है।
बद्रीनाथ मंदिर, उत्तराखंड – Badrinath Temple, India In Hindi
बद्रीनाथ मंदिर भारत के अहम मंदिरों में से एक है, जो उत्तराखंड राज्य में है। यह मंदिर हिंदू धर्म के चार धामों में से एक है और भगवान विष्णु को समर्पित है। मंदिर के अंदर भगवान विष्णु की चतुर्भुज ध्यान मुद्रा की प्रतिमा है, जो कि शालग्रामशिला से बनाई गई है। इस स्थान को बद्री यानी की बेर के वृक्षों के कारण बद्रीनाथ कहा जाता है।
यहां के पुजारी को रावल कहा जाता है और ये मुख्य रूप से केरल के ब्राह्मण होते हैं। शीत ऋतु के दौरान, बद्रीनाथ मंदिर का कपाट बंद रहता है।
इस समय मंदिर के पुजारी साड़ी पहनकर मां पार्वती का श्रृंगार करके गर्भगृह में प्रवेश करते हैं। फिर पूजा-अर्चना की जाती है और फिर कपाट खोले जाते हैं। आपको बता दे कि यह मंदिर समुद्री तट से तकरीबन 3130 मीटर ऊंचाई पर स्थित है।
इस मंदिर के बारे में भारत के प्रसिद्ध धार्मिक ग्रंथो जैसे विष्णु पुराण और संगत पुराण में भी वर्णन किया गया है। आपको बता दे कि श्रद्धालुओं को दर्शन करने के लिए यह मंदिर सिर्फ गर्मी के मौसम में 6 महीने के लिए खुला रहता है। सर्दियों के मौसम में यह मंदिर बंद रहता है क्योंकि ठंड के मौसम के कारण इसकी चारों तरफ बर्फबारी होते रहती है और इसकी यात्रा करना काफी मुश्किल हो जाती है।
- कैसे जाएँ: बद्रीनाथ जाने के लिए आपको उत्तराखंड उतरना होगा, उत्तराखंड उतारने के बाद आप डायरेक्ट बस के सहारे बद्रीनाथ जा सकते हैं।
- दर्शन का समय: बद्रीनाथ में भगवान के दर्शन आप सुबह 7:30 बजे से लेकर दोपहर 12:00 बजे तक कर सकते हैं, वहीं 3:00 बजे से लेकर शाम 6:00 बजे तक भी दर्शन किया जा सकता है।
- यात्रा करने का सही समय: बद्रीनाथ का यात्रा करने के लिए सबसे सही समय मई से जून और सितंबर से अक्टूबर महीना को माना गया है।
सिद्धिविनायक मंदिर, मुंबई – Siddhivinayak Temple, Mumbai In Hindi
सिद्धिविनायक मंदिर, मुंबई में एक बहुत ही प्रसिद्ध मंदिर है जो भगवान गणेश को समर्पित है। यह मंदिर लगभग 200 साल पुराना है। इसे 1801 में लक्ष्मण विठू नामक व्यक्ति ने बनाया था।
मंदिर की नवीनतम संरचना में पुराने मंदिर के डिजाइन को बदलकर एक नया डिजाइन बनाया गया है। यहां 6 मंजिलों का एक मंदिर है, जिसके शीर्ष पर एक केंद्रीय गुंबद है जिस पर सोने की परत है।
मंदिर की पुनर्निर्माण में गुलाबी ग्रेनाइट और संगमरमर का उपयोग किया गया है। यहां तीन प्रवेश द्वार हैं। मुख्य द्वार का दरवाजा लकड़ी से बना है और उस पर मंदिर के पीठासीन देवता अष्टविनायक के 8 स्वरूपों की मूर्ति है। मंदिर के अंदर भगवान गणेश की मूर्ति को काले पत्थरों से बनाया गया है और यह मूर्ति चतुर्भुज स्वरूप में है।
इसके आसपास भगवान गणेश की दोनों पत्नियों, रिद्धि और सिध्दि की मूर्तियां हैं। भगवान गणेश की मस्तिष्क पर एक तीसरी आंख भी है, जो भगवान शिव के प्रतीक है।
यहां हमेशा भक्तों की भीड़ जमी रहती है और ऐसा माना जाता है कि अगर कोई भी सच्चे दिल से भगवान गणपति से मनोकामना मांगता है तो उसकी मनोकामना पूरी होती है।
- कैसे जाएँ: मुंबई रेलवे स्टेशन उतरने के बाद आपको SK Bole Road, Prabhadevi जाना होगा, जाने के लिए आप रेलवे स्टेशन से बस या ऑटो कर सकते हैं।
- दर्शन का समय: सुबह 5:30 से लेकर रात के 9:50 तक आप भगवान के दर्शन कर सकते हैं।
- यात्रा करने का सही समय: अक्टूबर महीने से लेकर मार्च महीने तक सिद्धिविनायक मंदिर की यात्रा काफी अच्छी मानी जाती है।
अक्षरधाम मंदिर, दिल्ली – Akshardham Temple, Bharat In Hindi
भारत की राजधानी दिल्ली में मौजूद अक्षरधाम मंदिर भगवान स्वामी नारायण जी को समर्पित है। अक्षरधाम मंदिर यमुना नदी के तट पर स्थित है जो हिंदुओं के लिए एक काफी प्रसिद्ध और आस्था वाला स्थान है।
इस मंदिर को भक्तों के लिए साल 2005 में खोला गया था। इस मंदिर की सबसे खास बात है कि यह मंदिर ने दुनिया के सबसे बड़े व्यापक मंदिर के रूप में अपना नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल किया है।
यह मंदिर 100 एकड़ तक फैला हुआ है और इसका निर्माण जटिल नक्काशी बलुआ पत्थरों और दार संगमरमर से किया गया है। इस मंदिर में आप भगवान स्वामी नारायण के अलावा 20,000 दिव्य पुरुषों की मूर्तियां भी देख सकते हैं। यह मंदिर देखने में काफी ज्यादा खूबसूरत है जो कि लोगों के लिए एक आकर्षण का केंद्र है।
अगर आप देश की राजधानी दिल्ली में रहते हैं तो एक न एक बार अक्षरधाम मंदिर का दर्शन जरूर करें।
- कैसे जाएँ: अक्षरधाम जाने के लिए अब दिल्ली पहुंचकर, वाहन का इस्तेमाल कर सकते हैं। अक्षरधाम मंदिर का पता अक्षरधाम, NH 24, प्रमुख स्वामी महाराज मार्ग, पांडव नगर है।
- दर्शन का समय: अक्षरधाम मंदिर का भ्रमण आप सुबह 9:30 बजे से लेकर शाम 6:30 तक कर सकते हैं वहीं सोमवार के दिन यह मंदिर बंद रहता है।
- यात्रा करने का सही समय: अक्षरधाम का यात्रा करने के लिए सबसे सही समय अक्टूबर महीने से लेकर फरवरी महीने तक को माना गया है।
अमरनाथ मंदिर, कश्मीर – Shri Amarnath Temple In Hindi
अमरनाथ मंदिर एक पवित्र स्थल है, जो कश्मीर के श्रीनगर शहर से 135 किलोमीटर दूर है। यह मंदिर 13600 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। अमरनाथ मंदिर को तीर्थ का तीर्थ भी कहा जाता है। अमरनाथ मंदिर को सती माता के 51 शक्तिपीठों में से एक माना गया है। मान्यता है कि यहां मां सती के कंठ का भाग गिरा था। मंदिर की गुफा 11 फीट ऊंची और 150 फीट क्षेत्र में फैली हुई है।
अमरनाथ मंदिर के गुफा में 10 से 12 फीट ऊंची भगवान शिव की शिवलिंग है, जो बर्फ से बना है और अजीब बात यह है कि यह खुद से बनता है। पूर्णिमा के दिन यह शिवलिंग पूर्णतया दिखाई देता है, फिर धीरे-धीरे इसकी ऊंचाई कम होती है और अमावस्या पर यह कम हो जाती है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान शिव ने इसी गुफा में मां पार्वती को अमरत्व की कथा सुनाई थी। इसलिए इस स्थान का महत्व बहुत अधिक है।
हर साल लाखों श्रद्धालु अमरनाथ यात्रा करते हैं और भगवान शिव और माता पार्वती से आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।
पहले के समय में कई बार अमरनाथ यात्रा पर नक्सलियों द्वारा हमला किया गया है लेकिन अब ऐसी कोई दिक्कत नहीं होती है। आप बेहद ही अच्छे तरीके से अमरनाथ यात्रा करके भगवान शिव के दर्शन कर सकते हैं।
- कैसे जाएँ: अमरनाथ जाने के लिए आपको जम्मू स्टेशन पर उतरना होता है, यहां से आप बस पकड़के बालटाल या पहलगाम तक जा सकते हैं। जम्मू स्टेशन से किराए की टैक्सी भी आसानी से मिल जाती है। पहलगाम पहुंचने के बाद आपको पैदल 15 किलोमीटर की चढ़ाई करनी होती है।
- दर्शन का समय: भगवान अमरनाथ के दर्शन सुबह 4:00 बजे से रात्रि के 11:00 बजे तक होता है।
- यात्रा करने का सही समय: अमरनाथ जाने का सबसे सही समय जून महीने से लेकर अगस्त महीने तक का है।
बैद्यनाथ धाम मंदिर, झारखंड – Baba Baidyanath Dham In Hindi
बाबा बैजनाथ धाम झारखंड के देवघर जिले में स्थित है और भारत के प्रमुख 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। इस मंदिर को माता सती के 52 शक्तिपीठों में से एक माना जाता है। इस मंदिर में प्राचीन और आधुनिक दोनों प्रकार की वास्तुकला है।
मंदिर में कई छोटे मंदिर हैं, जिनमें प्रमुख मंदिर भगवान शिव का है और उसके साथ लाल धागे से माता पार्वती का है।
मंदिर की गर्भगृह में भगवान शिव की शिवलिंग है, जिसे कामना लिंग कहा जाता है। मंदिर के ऊपर एक लंबा त्रिशूल भी है। इस मंदिर का निर्माण भगवान विश्वकर्मा जी ने किया था या 1496 ईस्वी में गिद्धौर के राजा पूरणमल ने करवाया था, इसके बारे में विभिन्न मान्यताएं हैं।
इस मंदिर के साथ एक पौराणिक कथा जुड़ी है जिसमें कहा जाता है कि रावण ने इस शिवलिंग को लंका ले जाने की कोशिश की थी, लेकिन उसे बाईजु नामक ग्वाले ने धरती पर रख दिया और वहां स्थापित हो गया।
सावन के महीने में बाबा बैजनाथ धाम में बोल बम यात्रा आयोजित होती है, जिसमें श्रद्धालु सुल्तानगंज से गंगा के जल को लेकर 100 किलोमीटर पैदल चलके आते हैं और उसे शिवलिंग को समर्पित करते हैं।
झारखंड में सावन का महीना एक त्यौहार जैसा मनाया जाता है और पुणे महीने झारखंड सजा हुआ रहता है। सावन के महीने में देश के चारों तरफ से श्रद्धालु भगवान शिव के दर्शन के लिए आते हैं।
- कैसे जाएँ: बाबा बैजनाथ का दर्शन करने के लिए आपको झारखंड के देवघर रेलवे स्टेशन पर उतरना होगा, यहां से आपको डायरेक्ट बस या टैक्सी के सहारे बैजनाथ धाम मंदिर जाना होगा।
- दर्शन का समय: बाबा बैजनाथ का दर्शन प्रतिदिन सुबह 4:00 बजे से लेकर रात्रि 9:00 बजे तक होती है।
- यात्रा करने का सही समय: बैजनाथ मंदिर का यात्रा करने का सबसे सही समय सावन महीने को माना गया है, मतलब जुलाई और अगस्त का महीना यहां के लोग एक त्यौहार की तरह मानते हैं।
महावीर मंदिर, पटना – Mahavir Mandir Patna In Hindi
बिहार की राजधानी पटना जंक्शन के नजदीक स्थित महावीर मंदिर भगवान हनुमान को अर्पित है। इस मंदिर को स्वामी बालंद के द्वारा साल 1730 में बनवाया गया था, वही 80 के दशक में इस मंदिर को नया रंग रूप दिया गया था।
यह इकलौता ऐसा मंदिर है जहाँ हनुमानगढ़ के बाद सबसे ज्यादा श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रहती है। इस मंदिर को लेकर यह माना जाता है कि यहां पर सच्चे दिल से मांगी गई सभी मनोकामनाएं पूरी होती है।
मंदिर के साथ-साथ मंदिर में मिलने वाला नैवेद्यम लड्डू काफी ज्यादा मशहूर है। इस मंदिर में नैवेद्यम लड्डू ही चढ़ाए जाते हैं। इसके अलावा यह देश का तीसरा मंदिर है जहां सबसे ज्यादा चढ़ावा चढ़ाया जाता है। इस मंदिर के तहत कई टेररिस्ट भी चलते हैं जिसके द्वारा तकरीबन 5 हॉस्पिटलों की सुविधा दी गई है, जहां सभी लोग काफी कम कीमत में अपना इलाज करवा सकते हैं।
इस मंदिर की लड्डू की खासियत है कि इसे खाने से हर तरह की बीमारी ठीक हो जाती है। साथ यह लड्डू कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों से लड़ने में भी मदद करता है। इसके अलावा मंदिर में मौजूद भगवान हनुमान की श्रद्धा लोगों के साथ काफी ज्यादा है।
मंगलवार और शनिवार के दिन इस मंदिर में भक्तों की लंबी-लंबी लाइन रहती है। इस मंदिर में बजरंगबली की युग्म मूर्तियां यानी दो मूर्तियां एक साथ है।
- कैसे जाएँ: महावीर मंदिर जाने के लिए आपको पटना जंक्शन पर उतर जाना होगा। आप जैसे ही पटना जंक्शन के एक नंबर गेट से बाहर निकलेंगे आपके सामने ही महावीर मंदिर रहेगी।
- दर्शन का समय: महावीर मंदिर में भगवान का दर्शन सुबह 5:30 बजे से लेकर रात्रि 10:30 बजे बजे तक होती है।
- यात्रा करने का सही समय: आप महावीर मंदिर में भगवान का दर्शन पूरे साल में कभी भी कर सकते हैं।
कामाख्या देवी मंदिर, गुवाहाटी – Maa Kamakhya Temple In Hindi
असम के गुवाहाटी में स्थित इस मंदिर का नाम है “कामाख्या देवी मंदिर”। यहां देवी मां की प्रतिमा से रजस्वला होने के कारण यहां का विशेषता है। माना जाता है की देवी मां का यह मंदिर 51 शक्तिपीठों में सबसे प्रमुख चार शक्तिपीठों में से एक है। जब यह रजस्वला होता है, तो श्रद्धालु यहां आकर देवी के दर्शन के लिए उमड़ते हैं।
इस मंदिर में देवी मां की चट्टान रूपी योनि से रक्तस्राव होता रहता है, जो इसे अद्भुत बनाता है। इस कारण से यहां का महत्व बहुत बड़ा है।
यहां कामाख्या देवी मंदिर एक तरह का तांत्रिक केंद्र भी है। लोग यहां अपनी मनोकामनाओं को पूरा करने आते हैं और देवी मां के अद्भुत मंदिर के दर्शन करने के बाद धन्य महसूस करते हैं।
- कैसे जाएँ: कामाख्या मंदिर जाने के लिए आपको गुवाहाटी रेलवे स्टेशन पर उतरना होगा, यहां से आप डायरेक्ट कामाख्या जाने के लिए बस या टैक्सी का इस्तेमाल कर सकते हैं।
- दर्शन का समय: कामाख्या मंदिर में दर्शन सुबह 8:00 बजे से लेकर दोपहर 1:00 बजे तक होती है वहीं इसके बाद दर्शन 2:30 बजे से लेकर शाम 5:30 बजे तक होती है।
- यात्रा करने का सही समय: कामाख्या यात्रा करने के लिए सबसे सही समय जून महीने को माना गया है क्योंकि इस समय यहां पर अम्बुबाची महोत्सव मनाया जाता है।
FAQ:
प्रश्न: अयोध्या में स्थित राम मंदिर का प्रण प्रतिष्ठा समारोह कब आयोजित किया गया था?
उत्तर: अयोध्या में स्थित राम मंदिर का प्रण प्रतिष्ठा समारोह 22 जनवरी 2024 को आयोजित किया गया था।
प्रश्न: केदारनाथ मंदिर तक पहुंचाने के लिए कितने किलोमीटर लंबे पहाड़ी रास्ते पर चलकर जाना होता है?
उत्तर: केदारनाथ मंदिर तक पहुंचाने के लिए 14 किलोमीटर लंबे पहाड़ी रास्ते पर चलकर जाना होता है।
प्रश्न: केदारनाथ मंदिर जाने का सबसे सही समय क्या है?
उत्तर: केदारनाथ मंदिर जाने का सबसे सही समय अप्रैल महीने से लेकर नवंबर महीने तक का है, इसके बाकी महीने केदारनाथ मंदिर बंद रहता है।
प्रश्न: काशी विश्वनाथ धाम का क्षेत्रफल कितने स्क्वायर फीट में फैला हुआ है?
उत्तर: काशी विश्वनाथ धाम का क्षेत्रफल लगभग 5 लाख स्क्वायर फीट में फैला हुआ है।
प्रश्न: भारत के किस मंदिर में भगवान शिव के प्रतिमा का मुख दक्षिण दिशा की ओर है?
उत्तर: भारत के महाकालेश्वर मंदिर में भगवान शिव के प्रतिमा का मुख दक्षिण दिशा की ओर है।
प्रश्न: भारत का सबसे अमीर मंदिर किसे कहा जाता है?
उत्तर: भारत का सबसे अमीर मंदिर आंध्र प्रदेश में मौजूद तिरुपति बालाजी मंदिर को कहा जाता है क्योंकि यहां श्रद्धालु सोना और आभूषण चढ़ते हैं।
प्रश्न: अमरनाथ मंदिर के गुफा में भगवान शिव की शिवलिंग कितनी फीट ऊंची है?
उत्तर: अमरनाथ मंदिर के गुफा में भगवान शिव की शिवलिंग 10 से 12 फीट ऊंची है?
प्रश्न: पटना के महावीर मंदिर में चढ़ाए गए नैवेद्यम लड्डुओं की क्या मान्यता है?
उत्तर: पटना के महावीर मंदिर में चढ़ाई गई नैवेद्यम लड्डुओं कि यह मानता है कि इसे खाने से किसी भी तरह की बीमारी ठीक हो जाती है, साथ ही यह कैंसर जैसे गंभीर बीमारी को भी ठीक कर सकता है।
प्रश्न: बैजनाथ धाम मंदिर जाने के लिए सबसे अच्छा समय क्या है?
उत्तर: बैजनाथ धाम मंदिर जाने के लिए सबसे अच्छा समय सावन को माना गया है क्योंकि सावन के महीने में भगवान शिव का दर्शन करना काफी शुभ माना गया है।
प्रश्न: बोल बम जाने से पहले श्रद्धालु कहां से जल उठते हैं?
उत्तर: बोल बम जाने से पहले श्रद्धालु सुल्तानगंज के गंगा नदी से पवित्र जल उठते हैं और 100 किलोमीटर की पैदल यात्रा करके बोल बम पहुंचते हैं।
प्रश्न: भारत के किस मंदिर का नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल किया गया है? उत्तर: भारत के अक्षरधाम मंदिर का नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल किया गया है, यह मंदिर दुनिया के सबसे बड़े व्यापक मंदिर के रूप में जाना जाता है।
निष्कर्ष:
दोस्तों ऊपर दिए गए लेख में हमने आपको भारत के सबसे प्रसिद्ध मंदिरों के बारे में विस्तार से बताया है। भारत देश को शुरू से ही हिंदुओं का देश कहा जाता है और यहां हमेशा से देवी देवताओं का वास रहा है। ऐसे में भारत के चारों तरफ कई प्रसिद्ध और मशहूर मंदिर मौजूद है जहां श्रद्धालु जाकर अपने भगवान के दर्शन करते हैं।
हमारा देश शुरू से ही संस्कृति और सभ्यता से संपूर्ण रहा है ऐसे में यहां के लोग हमेशा धार्मिक होते हैं और अपने भगवान से हमेशा लगाव रखते हैं। हर साल देश के अलग-अलग कोने से लाखों लोग अपने-अपने भगवान के प्रसिद्ध मंदिरों में जाकर उनका दर्शन करते हैं और उनसे आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।
ऐसे में अगर आप भारत के सबसे प्रसिद्ध मंदिरों के बारे में जानना चाहते हैं तो ऊपर दिए गए लेख को अंत तक पूरा पढ़ें। उम्मीद करता हूं कि यह लेख आप को पसंद आया होगा इसे पढ़ने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद।
Hi, मैं पूजा हूँ और मुझे घूमना और घूमने बारे में जानकारी देना बहुत पसंद है मैंने कई जगहों की यात्रा की है आप मेरे इस GhumoGhoomao.com से सफर पर जाने से पहले जानेंगे कि कहाँ घूमें, यात्रो को मजेदार कैसे बनाएं, सस्ते-अच्छे-होटल की जानकारी। उम्मीद है की मेरे द्वारा दिया जानकारी आपके यात्रा आसान बनाएगा!