रानीखेत पहाड़ों के बीच बसा एक हिल स्टेशन है जहाँ आपको शहरो की गर्मी से राहत मिलता है और आप सुकून के कुछ पल बीता सकते हैं। रानीखेत आप रोड, रेल और हवाईजहाज से पहुंच सकते हैं।
रानीखेत में ठहरने के लिए आपको सस्ते गेस्टहाउस और अच्छे गेस्टहाउस, अच्छे होटल है जिनको आप ऑनलाइन बुक कर सकते हैं या वहां पहुंच कर बुकिंग सकते हैं रानीखेत में घूमने के लिए कई बेहतरीन जगहे हैं।
अगर आप गर्मी या फिर सर्दियों में छुट्टियों मानाने हिल स्टेशन में घूमने जाना चाहते हो तो रानीखेत का हिल स्टेशन अच्छा ऑप्शन है और यदि रानीखेत घूमने का प्लान बना रहे हैं, तो आपको इसके बारे में जरूर जान लें ।
रानीखेत उत्तराखंड का यह हिल स्टेशन है जो यह अपनी सुंदरता और शांत माहौल के लिए जाना जाता है। यहां की यात्रा करना सच कहूं तो इसकी प्राकृतिक सुंदरता बेहद प्रभावित कर देता है। इसी लिए तो यहाँ देश-विदेश से लोग आते है।
रानीखेत के जंगलों, देवदार के पेड़ों और हरे-भरे वादियों से घिरा हुआ है। यहां आपको शांति का अनुव करायेगा तो वही एडवेंचर का मज़ा लेने का मौका भी देता है ।
रानीखेत उत्तराखंड का एक पुराने हिल स्टेशन में से एक है। जो 1,869 मीटर की ऊंचाई पर है इस हिल स्टेशन को अंग्रेजो ने बनाया था।
अगर आप दिल्ली से आ रहे हैं, तो आपको लगभग 376 किलोमीटर का सफर तय करना होगा।
रानीखेत के बारे में जानकारी
राज्य | उत्तराखंड |
जिला | अल्मोड़ा |
ऊँचाई | 1,869 मीटर |
रानीखेत के नजदीकी रेलवे स्टेशन | काठगोदाम, 75 किमी दूर |
रानीखेत का नजदीकी हवाई अड्डा | पंतनगर, 115 किमी दूर |
रानीखेत घूमने का सही समय | मार्च से जून और सितंबर से नवंबर |
नैनीताल से रानीखेत की दूरी | 56 किमी |
रानीखेत के पास दूसरे हिल स्टेशन | अल्मोड़ा, नैनीताल, कौसानी, भीमताल, बागेश्वर, चंपावत |
रानीखेत में Activities
रानीखेत में घूमने में आप क्या क्या एक्टिविटीज कर सकते हैं जान लीजिये मेन एक्टिविटीज जो आपके टूर को यादगार बना देगा :-
- Sightseeing : आप यहाँ के खूबसूरत नज़ारों का आनंद ले सकते हैं।
- Nature Walks : नेचर के बीच घूमने और ताजी खुला हवा का आनंद लें।
- Relaxing Holiday : होटल और गेट्स हाउस में अपनी छुट्टी का आनंद ले सकते हैं ।
- फोटोग्राफी (Photography) : खूबसूरत नजारों का फोटोग्राफी कर सकते हैं।
- Temple Visits : मंदिर का इतिहास और धार्मिक यात्रा कर सकते हैं।
Things to do in Ranikhet – रानीखेत क्या क्या कर सकते हैं
- कैंपिंग
- ट्रेकिंग
- पैराग्लाइडिंग
- गोल्फिंग
- फ़ोटो शूट
रानीखेत में घूमने की जगहें और दर्शनीय स्थल
आइये जानते हैं, रानीखेत में घूमने की जगहें और प्रमुख दर्शनीय स्थल जहाँ रानीखेत के ट्रिप में घूम सकते हैं
रानी झील
अगर आपको प्रकृति से प्यार है और फोटोग्राफी का शौक है तो रानी झील जरूर जाये जब आप रानी झील जाएंगे तो आपको एक सुकून भरा एहसास होगा।
वहाँ की शांत वातावरण, पेड़ों की सरसराहट और पक्षियों की मधुर चहचहाहट आपके मन को शांति, सुकून और ताजगी का एहसास होगा।
और झील के चारों ओर फैली हरियाली को देखना आपको एक अलग ही शांति का अनुभव देगा, रोजमर्रा की भागदौड़ से दूर प्राकृतिक का पूरा आनंद मिलेगा।
चौबटिया गार्डन
चौबटिया गार्डन बिना किसी परेशानी के कार या प्राइवेट टैक्सी से आसानी से पहुं सकते हैं और बागान में घूम और ताजे फलों का स्वाद भी ले सकते हैं।
यहाँ से हिमालय नंदा देवी, नीलकंठ, नंदाघुंटी और त्रिशूल चोटियों दिखाई देता है। इस गार्डन के अंदर कैफे हिमालय, के सामने यात्रियों के आराम से बैठने की सुविधा भी है। जहाँ आप बैठ कर नजारा ले सकते हैं।
चौबटिया बागान फलों और अपने सुंदर प्राकृतिक दृश्यो के लिए मशहूर है। यहाँ आने पर आप ताजे फलों का आनंद ले सकते हैं और खेतो को देख सकते हैं।
सरकारी सेब उद्यान और फल अनुसंधान केंद्र की सैर कर सकते हैं।
भालू बांध – Bhalu Dam
भालू बांध में आप Picnicking, Trekking, पानी के सामने बैठना, Wildlife Spotting, Nature Walks का मजे ले सकते हैं
भालू डेम एक कृत्रिम झील है, जो चौबटिया से लगभग 3 किमी और रानीखेत से 11 किमी दूर है। इस डेम को 1903 में सैनिकों की प्यास बुझाने के लिए बानाया गया था
भालू डेम के आसपास के क्षेत्र से बर्फ से ढकी हिमालय की चोटियों का नजारा देखने को मिलते हैं। नेचर लवर के लिए भालू डेम कैम्पिंग और पिकनिक का एक अच्छा स्थान है।
भालू डेम तक पहुँचने के लिए – आपको चौबटिया बागों से 3 किमी की ट्रैकिंग करनी होगी। इस ट्रेक में से 2 किमी का ढलान है जिससे नीचे उतरते समय आसान है वहि वापस आने में चढ़ते समय थका देता है।
नजदीकी रेलवे स्टेशन काठगोदाम है, जो चौबटिया से लगभग 79 किमी दूर है, जबकि सबसे नज़दीकी हवाई अड्डा पंतनगर में है, जो 110 किमी दूर है।
Note – सड़क खराब होने कारण कोई गाड़ी व टैक्सी डेम तक नहीं पहुँता।
रानीखेत का गोल्फ कोर्स
रानीखेत अपनी खूबसूरत गोल्फ कोर्स के लिए भी जाना जाता है, जो में बाजार से 5 किलोमीटर की दूरी पर है। यह एशिया का बड़ा गोल्फ ग्राउंड माना जाता है, गुलमर्ग के बाद जो ऊंचाई पर बना हुआ है।।
इसका सुन्दर मखमली घास एक शानदार अनुभव प्रदान करता है हरी घास पर बैठकर थकान को मिटा सकते हैं। यह स्थान प्राकृतिक सुंदरता के बीच गोल्फ का आनंद लेने का बेहतरीन मौका देता है। हालांकि आम लोगों के लिए प्रवेश सीमित है लेकिन सड़क से इसकी सैर कर सकते हैं। इसकी देखभाल भारतीय सैनिक करते हैं
कुमाऊं रेजिमेंट म्यूजियम
1970 के दशक में कुमाऊं क्षेत्र की परंपराओं और धरोहर कुमाऊं रेजिमेंट म्यूजियम है आप भी भारतीय सेना के इतिहास में दिलचस्पी है, तो यह म्यूजियम जरूर देखें। यहां आपको कुमाऊं रेजिमेंट की बहादुरी जानने – समझने को मिलेगे।
यह संग्रहालय में भारतीय सेना की कुमाऊं और गढ़वाल रेजिमेंट का युद्ध कलाकृति, बहादुरी और उनकी परंपराओं को दर्शाने वाली कई महत्वपूर्ण चीजें देखने को मिलेंगी।
आशियाना पार्क
आशियाना पार्क रानीखेत के बीचों-बीच स्थित एक खूबसूरत पार्क है, जिसे कुमाऊं रेजिमेंट द्वारा बच्चों के लिए जंगल थीम पर बनाया गया है।
पार्क में बच्चों के लिए तरह-तरह के झूले, पत्थर के डायनासोर, और खेल की अन्य सुविधाएं हैं, जो बच्चों को खूब पसंद आती हैं।
पार्क की हरियाली और सुंदर फूलों से सजे फब्बारे इसकी खूबसूरती काफी बढ़ा देते हैं। यहां बैठकर आप अपनी थकान मिटा सकते हैं।
इस पार्क का टिकट मात्र 5-10 रुपये है और यह सप्ताह के सभी दिन खुला रहता है, केवल मंगलवार और राष्ट्रीय छुट्टियों बंद होता है।
ताड़ीखेत विलेज
रानीखेत से लगभग 8 किलोमीटर दूर एक खूबसूरत गाँव है। इसकी प्राकृतिक की सुंदरता अपने आप में अद्भुत है, जो पर्यटकों के दिल में एक खास जगह बना लेता है। यहाँ की हरियाली और पहाड़ों का नज़ारा बेहद मनमोहक है
तारीखेत एक छोटा हिल स्टेशन है लेकिन खूबसूरत जोकि रानीखेत से 8 किलोमीटर दूर पड़ता है। इस गांव में महात्मा गांधी ने स्वतंत्रता संग्राम के दौरान गांधी कुटिया में ठहरने थे।
यह जगह का में अपने एक अच्छा हिल स्टेशन, गांधी कुटिया और गोलू देवता का मंदिर के लिए मेन आकर्षण फेमस है
बात करे यहाँ की मौसम तो गर्मियों में मौसम नार्मल रहता है। लेकिन सर्दियों में ज्यादा ठंड होती है यहाँ पर घूमने आपने का सबसे अच्छा समय मार्च से अक्टूबर तक का बेस्ट होता है।
रानीखेत में घूमने के फेमस मंदिर
रानीखेत में घूमने के लिए कुछ फेमस मंदिर हैं जहाँ एक बार जरूर ही जाना चाहिए, इन मंदिर का अपना अलग-अलग मानताये हैं
झूला देवी मंदिर
झूला देवी मंदिर, यह एक प्रसिद्ध प्राचीन मंदिर है और ये रानीखेत से 7 किमी की दूरी पर चौबटिया गार्डन के पास है जो रानीखेत के पर्यटक आकर्षणों में से एक है। यहां आप ऑटो रिक्शा या टैक्सी से पहुंच जा सकते हैं ।
यह मंदिर पहाड़ी की चोटी पर बना है और यहाँ तक पहुँचने के लिए आपको 272 सीढ़ियाँ चढ़नी पड़ती हैं। यहाँ ऊँचाई से दृश्यो को देखने में बहुत सुंदर लगता है।
यह छोटी सी मंदिर है और झूला देवी माता एक झूले पर बैठी हैं, इसलिए इन्हे झूला देवी कहा गया है, ज्यादा तर इस मंदिर की रख-रखाव सेना करती है।
अगर रानीखेत का ट्रिप प्लान कर रहे हैं तो इस देवी दुर्गा माता को समर्पित मंदिर के दर्शन कर लें, मान्यता यह है कि यहां आपने वालो के सारी मनोकामना पूरी होती है।
इस मंदिर में जगह-जगह घंटियाँ लगी देखेगी। कहा जाता है कि लोग अपनी मनोकामना पूरी होने पर यहाँ घंटियाँ बांधते हैं।
मनकामेश्वर मंदिर – Mankameshwar Temple
रानीखेत के पास घूमने के लिए एक बेहतरीन जगह मनकामेश्वर मंदिर है, जो नरसिंह मैदान के सामने और रानीखेत बस स्टैंड से केवल 500 मीटर की दूरी पर है।
इस मंदिर को 1978 में भारतीय सेना की कुमाऊं रेजिमेंट ने बनाया था। इसमें राधा-कृष्ण, शिव और काली माता की पूजा होती है। सावन के महीने में कुंवारी लड़कियाँ शादी के लिए व्रत करती हैं। इस मंदिर के पास एक ऊनी वस्त्र उद्योग और गुरुद्वारा भी है।
बिनसर महादेव मंदिर
बिनसर महादेव का मंदिर रानीखेत से केवल 19 किलोमीटर की दूरी पर एक लोकप्रिय घूमने की जगह में से एक है आप आसानी से टैक्सी या यहां के लोकल बस से पहुंच सकते हैं
जब आप इस मंदिर पहुंचेंगे, तो घने जंगल और शांत माहौल आपको एक अलग ही सुकून का अनुभव महसूस करता है। घने चीड़ के पेड़ो के बीच यह प्राचीन शिव मंदिर है और मंदिर के दीवारों के ऊपर हिंदू धर्म के धर्म ग्रंथो के श्लोक चित्र देखने को मिलते हैं। काफी लोग इस महादेव मंदिर के दर्शन के लिए आते हैं
द्वाराहाट
रानीखेत का प्राचीन शहर द्वाराहाट एक सुंदर और शांत जगह है, जो अपने मंदिरों के लिए मशहूर है। ये जगह रानीखेत से लगभग 34 किलोमीटर दूर पहाड़ियों के बीच बसी है।
देखने लायक हैं यहाँ के 55 पुराने मंदिर विरासत है, जिन्हें कत्युरी राजाओं ने बनवाया था। यह मंदिर आज भी पुरानी वास्तुकला का अच्छा नमूना हैं और अभी भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) इनकी देखभाल करता है। यहाँ आकर आपको प्रकृति के साथ शांति का अनुभव होगा।
द्वाराहाट का अर्थ, लोकल भाषा ‘स्वर्ग का रास्ता’ है और यहाँ की प्राकृतिक लुभावनी सुंदरता आपको इस नाम का सही अर्थ महसूस कराएगी।
द्वाराहाट जाने के लिए आपको रानीखेत या कौसानी में रुकना होगा यहाँ रुकने का अभी सुविधा नहीं हैं।
कटारमल सूर्य मंदिर (Katarmal Sun Temple)
कटारमल सूर्य मंदिर अल्मोड़ा से 19 किमी और रानीखेत से लगभग 30 किमी दूर स्थित है। यह मंदिर 9वीं शताब्दी का प्राचीन मंदिर है, जिसे कत्युरी राजा कटारमल्ला ने बनवाया था। इस मंदिर की पत्थरों पर की गई बारीक नक्काशी और अद्भुत वास्तुकला इसे खास बनाती हैं। इस मंदिर के पास कटारमल गांव और कोसी गांव है।
मुख्य मंदिर सूर्य देवता बुरहादित्य को समर्पित है, और इस मंदिर चारों ओर 44 छोटे मंदिर हैं। हालांकि, 10वीं शताब्दी की मूर्ति चोरी के बाद मंदिर के नक्काशीदार दरवाज़े और मूर्तियाँ अब राष्ट्रीय संग्रहालय, दिल्ली में रखे गए हैं। मंदिर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा संरक्षित है।
कालिका मंदिर
माँ कालीका मंदिर रानीखेत का एक लोकप्रिय स्थान है, जो शहर से लगभग 6 किमी दूरी की यात्रा करके पहुंच सकते है। यहाँ पहुंचने पर, भक्त हरे-भरे पेरो के बीच की चोटी से माँ काली के दर्शन कर सकते है और आसपास की पहाड़ियों का नजारा ले पाएंगे। यहां सैलानियों की हमेशा भीड़ रहती है। यह कालिका मंदिर रानीखेत के पास एक खूबसूरत पर्यटन स्थल है जो ठण्ड के समय आस-पास बर्फ से ढके पहाड़ों के लिए जाना जाता है।
हैड़ाखान मंदिर
हैड़ाखान मंदिर NH 109 रानीखेत के चिलियानौला में है। यह मंदिर हैड़ाखान द्वारा बनवाया गया है, जिन्हें भगवान शिव का अवतार माना जाता है। हैड़ाखान का जन्म एक रहस्य है और इन्होने कम उम्र 1984 में अपने शरीर को छोड़ दिया।
इस मंदिर में भगवान हनुमान और भगवान शिव की एक ऊंची मूर्ति है। भारतीय परंपरा के अनुसार विवाह करने के लिए कई विदेशों आते हैं। इस मंदिर से हिमालय की सुंदरता का दृश्य और चारों ओर शांति का आनंद ले सकते हैं।
यह मुख्य रानीखेत शहर से 5 किलोमीटर की दूरी पर है। मंदिर एक पहाड़ी पर स्थित है, जो हिमालय के बर्फ से ढके चोटियों का अद्भुत नजारा दिखाई देता है।
यहाँ पहुँचने के लिए आपको थोड़ी ट्रैकिंग करनी पड़ती है यहाँ का नजदीकी रेलवे स्टेशन काठगोदाम है, जो रानीखेत से लगभग 74 किलोमीटर दूर है। वही सबसे नज़दीकी हवाई अड्डा पंतनगर में है, जो रानीखेत से 109 किलोमीटर की दूरी है।
रानीखेत में कई आकर्षक जगहें हैं जहाँ आप घूम सकते हैं :-
- धोलीखेत
- शीतला खेत
- दूनागिरि
- मजखाली
- खड़ी बाजार
- माँ कलिका मंदिर
- कैंची धाम
रानीखेत में रुकने की जगह
रानीखेत में पर्यटन के रुकने का काफी अच्छा व्यवस्था है। आपको अनेको प्रकार के Best होटल और गेस्ट हाउस मिल जायेगे। जहां रेस्टोरेंट और बेहतरीन खाने के साथ-साथ रुकने की जगह है।
आप यहाँ पर अपने बजट और चॉइस के हिसाब होटल और गेस्ट हाउस ले सकते हैं जो आपको रानीखेत में सामान्य रेट नॉनएसी रूम 500 से 1000 रूपये और एसी (AC) रूम 1200 – 2000 की रेंज में मिल जाते है। अगर गर्मियों में आते हैं तो होटल्स या हाउस की एडवांस में रूम बुकिंग करवा ले तो अच्छा रहता है। जिससे रुकने की दिकत नहीं होगी।
यहाँ रुकने के कई जगह हैं। पर कुछ खास के बारे में जानकारी दी गई है।
रानीखेत में कुमाऊं फॉरेस्ट रेस्ट हाउस एक बेहतरीन है जहां ठहर सकते हैं। यह सैनिकों की निगरानी में रहता है और यहाँ से आप जंगलों और पहाड़ों की खूबसूरती का आनंद ले सकते हैं ।
क्वीन रेस्टोरेंट जो मुख्य बाजार में ठहरने और खाने के लिए हैं। इसमें अलग-अलग बजट के लिए कई विकल्प हैं, और इन्हे ऑनलाइन बुक भी कर सकते हैं।
अगर आपको यहाँ नहीं रुकना चाहते हो तो आप अपने अनुसार कोई और ढूंढ सकते हैं। होटल में ठहने के लिए कम से कम 500 – 1500 रुपए खर्च करने होंगे.
रानीखेत का लोकल खाना – Famous food
घूमने जाये तो कुमाउनी खाने -पीने का टेस्ट लेना ना भूलें!
रानीखेत में कुमाऊंनी के फेमस खान और व्यंजन मिलता है। यहां गहत के पराठे भांग की चटनी, खास आलू दाल पकोड़ा, हरी पत्तेदार सब्जियों, बाल मिठाई और राम मिठाई कुमाऊं का लोकप्रिय व्यंजन है। और गुलगुला, मोमोज जो आपकी यात्रा को खास बना देता है।
रानीखेत में खरीददारी की जगह
रानीखेत में खरीददारी करने के लिए सवसे अच्छा सदर बाजार का शॉपिंग ही मेन है। यहाँ से आप लोकल कढ़ाई वाले कपड़ों और संस्कृति से जुड़ी सामान खरीद सकते हैं जैसे – शॉल, ऊनी शर्ट, जैकेट, कुर्ते और हाथ से वनए हुई ऊनी कपड़े ।
रानीखेत घूमने का सबसे अच्छा समय – Best time to travel
- गर्मी के समय – मार्च से जून महीने के बीच घूमने
- सर्दियों के समय – दिसंबर से जनवरी महीने
यहाँ घूमने के लिए पुरे साल लोग आते रहते हैं। लेकिन रानीखेत में सबसे घूमने अच्छा समय गर्मी के मौसम होता है। आप यहाँ आकर चिल चिलाती गर्मी से बचने और मौसम का आनंद उठाने के लिए गर्मी के समय आना अच्छा होता है
रानीखेत में ठंड के समय बर्फ का मजा लेना है तो दिसंबर से जनवरी महीने के बीच बर्फ गिरती तो में घूमने पहुंच सकते हैं। रानीखेत में ठंड काफी अधिक पड़ती है। जिसमें आप कुछ अच्छे जगहो को सर्दियों में मिस कर देंगे, ज्यादा खुलकर घूम नहीं पाएंगे ठंड ज्यादा होने के कारण।
रानीखेत कैसे पहुंचें
रानीखेत उत्तराखंड के प्रमुख शहरों से अच्छे से जुड़ा हुआ है। यहाँ तीन तरीके से पहुँच सकते हैं – सड़क से, ट्रैन से या एरोप्लेन से
सड़क से
यदि आप दिल्ली, देहरादून, चंडीगढ़, और हरिद्वार से रानीखेत आने के लिए बस, कार, या प्राइवेट टैक्सी से आ सकते हैं। दिल्ली से रानीखेत की दूरी 360 किलोमीटर है।
रेल से
नियरेस्ट रेलवे स्टेशन काठगोदाम है, जो रानीखेत से 75 किलोमीटर दूर है। काठगोदाम से बस या टैक्सी लेकर रानीखेत पहुंच सकते हैं।
अगर ट्रैन जानकारी लेना चाहते है तो आप भारतीय रेल की gov की वैबसाईट पर जा चेक कर सकते हैं ।
हवाई मार्ग
पंतनगर हवाई अड्डा रानीखेत से 115 किमी दूर है। यहाँ से टैक्सी और बस की सुविधा मिलती है।
रानीखेत के आसपास घूमने की जगह
जगह | किमी |
नैनीताल | 60 |
अल्मोड़ा | 50 |
देहरादून | 317 |
हरिद्वार | 275 |
उम्मीद है कि यह Ranikhet Ghumne ki बेहतरीन जगहो की सम्पूर्ण जानकारी आपके के घूमने में हेल्पफूल हो और पसंद आयी होगी। कुछ मिस हुआ हो मेरे से सजेस्ट का सकते हैं। और लोगो के साथ शेयर कर करें
Hi, मैं पूजा हूँ और मुझे घूमना और घूमने बारे में जानकारी देना बहुत पसंद है मैंने कई जगहों की यात्रा की है आप मेरे इस GhumoGhoomao.com से सफर पर जाने से पहले जानेंगे कि कहाँ घूमें, यात्रो को मजेदार कैसे बनाएं, सस्ते-अच्छे-होटल की जानकारी। उम्मीद है की मेरे द्वारा दिया जानकारी आपके यात्रा आसान बनाएगा!